देहरादून- भले ही राज्य की त्रिवेंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस के लाख दावे करती आ रही है या भले ही आबकारी मंत्री प्रकाश पंत विभाग को बेदाग बताते हो लेकिन इस दावे की जमानी सच्चाई कुछ ओर ही है. सभी जानते है कि उत्तराखंड में आबकारी विभाग हमेशा से ही चर्चाओं में रहा है।
एक निजी चैनल के संवाददाता ने जब देहरादून के कई प्रमुख सड़को किनारो चल रही शराब की दुकानों का दौरा किया तो जो सच्चाई सामने आई उसे देख आंखे फटी की फटी रह गई. जी हां संवाददाता के कैमरे में वह सच्चाई कैद हुई जिसे प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार छुपाते आ रही है. निजी चैनल के संवाददाता जब खुद एक ग्राहक बनकर दुकान में शराब खरीदने गए तो शराब ओवररेट पाई गई.
देहरादून की शराब की दुकानों के आस-पास ही आबकारी विभाग से लेकर तमाम अधिकारियों के दफ्तर हैं लेकिन शराब ब्रिकीकर्ता को किसी का भी डर नहीं है. यहां तक की आबकारी मंत्री प्रकाश पंत के घर के सामने की शराब की दुकान में भी शराब धड़ल्ले से ओवर रेट में बिकती कैमरे में कैद हुई.
यह बात भी सोचने वाली है कि जबसे जिले में नए जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय पद पर आसीन हुए है तबसे शराब के रेट में काफी उछाल आया है या ऐसा ये कहे कि परदे के पीछे से लाखों रुपयों का खेल खेला जा रहा है.
इन दुकानों पर जाकर और रेटिंग के खेल को कैमरे में कैद करने के बाद एक बात तो समझ में आ गई कि यह पूरा खेल सिर्फ दुकानदार ही नहीं खेल रहे बल्कि कहीं ना कहीं सरकारी अधिकारियों भी इस ओवर रेटिंग के धंधे में शामिल है। खुलेआम हर ग्राहक को अधिक दामों में बेची जा रही शराब का यह मामला आखिरकार क्यों अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं, यह भी जांच का विषय है।
जिले का आबकारी अधिकारी ही सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावे की धज्जिया उड़ा रहा है, ऐसे में उंगली उठना तो लाजमी है.
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