बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रहस्यमयी मौतों का आंकड़ा 54 तक पहुंच गया है। हालांकि इन मौतों की असल वजह का पता नहीं चल पाया है मगर एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि ये मौतें लीची खाने से हुई हैं। मुजफ्फरपुर लीचियों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
आपको बता दें लीची के कारण ऐसी संदिग्ध मौतों का ये मामला नया नहीं है बल्कि मुजफ्फरपुर में 1995 से ही हर साल ऐसी दुर्घटनाएं होती रही हैं।
इस बीमारी को चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है
डॉक्टरों के मुताबिक मरने वाले बच्चों में इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम के लक्षण देखे गए हैं। आपको बता दें कि इंसेफ्लाइटिस एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है। इस बीमारी को चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। चमकी बुखार के मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी, जी मिचलाना, बेहोशी और शरीर में झटके लगना है।
सुबह-सुबह अगर बिना कुछ खाए लीचियों का सेवन किया जाएतो ये जानलेवा भी हो सकती हैं
एक्सपर्ट्स की मानें तो मुजफ्फरपुर में होने वाली मौतों का कारण लीची ही है हालांकि यह बात अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। मगर 2017 में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तथ्य रखे थे, जिससे पता चलता है कि लीची का सेवन कई बार जानलेवा हो सकता है। ‘द लैंसेंट’ नामक पत्रिका में 2017 में लीची और इसके कारण होने वाली मौतों के बारे में कई लेख छपे थे। सुबह-सुबह अगर बिना कुछ खाए लीचियों का सेवन किया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती हैं।
इसलिए होता है जानलेवा
दरअसल जब कोई व्यक्ति खाली पेट में लीची खाता है तो लीची में मौजूद ‘हाइपोग्लायसिन ए’ और ‘मेथिलीन सायक्लोप्रोपाइल ग्लायसीन’ नामक तत्व उसका ब्लड शुगर बहुत ज्यादा घटा देते हैं। जिसे डॉक्टरों की भाषा में ‘हाइपोग्लाइसीमिया’ कहते हैं। इसका खतरा तब और बढ़ जाता है जब लीचियां पूरी तरह पकी न हों यानी हल्की कच्ची हों। ब्लड शुगर के अचानक गिरने से व्यक्ति की तबीयत बिगड़ती है और गंभीर स्थिति में उसकी मौत हो जाती है।