हल्द्वानी(.योगेश शर्मा) – हल्द्वानी के आवास विकास के पास बन रहे मॉल में कंटेनर के नीचे दबने से तीन मजदूरों की हुई मौत के मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अब लीपापोती में लगे हुए है।
मानकों को ताक पर रखकर करोड़ों रूपये की लागत से बन रहे निर्माणाधीन मॉल में बरती जा रही अनियमितताओं को मीडिया ने प्रमुखता से उठाने के बाद अब प्रसाशन की नींद भी टूट गई है।
तीन मजदूरों की मौत की घटना के 24 घंटे बाद सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय, खनन उपनिदेशक और एसपी सिटी ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान मानकों के विपरीत बन रहे मॉल को संरक्षण देने में जिला विकास प्राधिकरण और अन्य विभागों की संलिप्तता भी सामने आई है।
बन रहे मॉल की अनियमितताओँ में यह भी देखने को मिला कि 26 मीटर दूरी की इजाजत मिलने के बावजूद मॉल स्वामियों ने केवल 5 मीटर दूरी पर ही निर्माण शुरू कराया और उसके भीतर तकरीबन 40 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है।
जीरो टॉलरेंस के दौर में पिछले 6 महीने से प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस निर्माण कार्य पर किसी भी अधिकारी ने नजरें इनायत नहीं की है लिहाजा शक भरे सवाल उठने लगे हैं? हालांकि जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं और एक पखवाड़े के भीतर सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय को रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
निर्माणाधीन मॉल निर्माण में किस तरह की अनियमितताएं बरती गई है इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत हुआ है। जिससे प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर संदेश के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल तीन मजदूरों की मौत होने के बावजूद पुलिस ने निर्माण की देख रेख कर रहे मुंशी को गिरफ्तार किया है लेकिन मॉल के मालिकान पर कोई एक्शन नहीं लिया है। हालांकि जीरो टॉलरेंस के हल्ला सबको सुनाई दे रहा है।