हल्द्वानी- पूर्व में एनएसयूआई की अध्यक्ष प्रत्याशी मीमांशा आर्य के नामांकन को रद्द नही करने पर उच्च शिक्षा निदेशक सहित कई प्राचार्यो और एक कर्मचारी के हुए निलंबन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र संगठन द्वारा निलंबन आदेश वापस लेने के लिये सरकार पर दबाव बनाने में लगे हुए है।
निलंबन के फैसले के खिलाफ शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू हो गयी है। आज निलंबन के सरकारी फैसले का विरोध हाथों में काली पट्टी बांधकर किया गया और सरकार के इस फैसले को तानाशाही फैसला करार दिया गया।
शिक्षकों का कहना है की उच्च शिक्षा निदेशक सहित सभी लोगों के निलंबन आदेश जल्द वापस लिये जाने चाहिए।बिना जाँच किए सभी को निलम्बित करना पूरी तरह से गलत है। फिलहाल काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर निलंबन का आदेश रद्द ना किया तो विरोध अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील हो जाएगा।
वही इस मामले में लगातार विरोध कर धरना दे रहे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओ ने भी आज कॉलेज गेट के पास सरकार के इस फैसले को बदलने के लिये हस्ताक्षर अभियान चलाया और तत्काल निलंबन आदेश वापस लेने की मांग करी जल्द निलंबन वापस न लेने पर प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन चलाने की चेतावनी दी।
पूर्व में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुकी और मौजूदा वक्त में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है की धन सिंह रावत पहली बार मंत्री बने है और शिक्षकों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार कर रहे है। जबकि इन्ही के पार्टी के बड़े नेता शिक्षकों का बड़ा ही आदर और सम्मान करते है, वही नेता प्रतिपक्ष ने उच्च शिक्षा मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्री को सभी प्राचार्यो और कर्मचारियों को निकालकर खुद ही विभाग का मुखिया बन जाना चाहिए।