देहरादून- ट्रक चलाना हमेशा से ही पुरूषों का पेशा समझा जाता रहा है लेकिन भारत की इस महिला ने न सिर्फ इस पेशे को अपनाया बल्कि पिछले 17 सालों से इसे बखूबी निभा भी रही है। भारी भरकम ट्रक को सड़कों पर दौड़ा रही यह महिला लॉ ग्रेजुऐट है।
हम बात कर रहे हैं भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर योगिता रघुवंशी की। यूपी में जन्मी और महाराष्ट्र में पली-बढ़ी योगिता इंटर-स्टेट महिला ट्रक ड्राइवर हैं। वकालत की डिग्री होने के बावजूद योगिता 30 टन का भारी-भरकम और 14 पाहियों का कार्गो ट्रक चला रही हैं।
परिस्थितियों ने बनाया ट्रक ड्राइवर
योगिता ने कभी ट्रक ड्राइवर बनने के सपने नहीं देखे थे लेकिन जिंदगी में आए उतार – चढ़ाव ने उन्हें ट्रक चलाने को मजबूर किया। दरअसल 1991 में योगिता की शादी भोपाल के एक युवक से हुई। शादी से पहले बताया गया था कि लड़का हाईकोर्ट में वकील है लेकिन शादी के बाद पता चला कि उनका पति हाईकोर्ट में नहीं बल्कि लोअर कोर्ट में वकील है। इस धोखे के बावजूद योगिता ने अपने पति को स्वीकारा। वह दो बेटियों की मां बनी। लेकिन 2001 में योगिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। योगिता के पति के एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
लोगों ने बनाया उनका खूब मजाक
इसके बाद योगिता ने ड्राइवर बनने की सोची। उनका कहना था कि एक जूनियर वकील की सैलरी से वह दो बच्चियों की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता है। इसलिए उन्होंने ट्रक ड्राइवर का पेशा चुना। जिसमें उनकी मेहनत की पूरी मजदूरी मिलती है। पहले तो लोगों ने उनका खूब मजाक बनाया लेकिन योगिता की मेहनत और जज्बे के आगे सबकी बोलती बंद हो गई हैं।
योगिता भोपाल से केरल की बीच चलाती है ट्रक
आज 40 वर्षीय योगिता भोपाल से केरल की बीच ट्रक चलाती है। वो अब तक 8 लाख किमी से ज्यादा का सफर बतौर ट्रक ड्राइवर पूरा कर चुकी हैं। वो बिना किसी हिचक शराब के कन्साइन्मेंट भी एक राज्य से दूसरे राज्य लेकर जाती हैं। ड्राइविंग की वजह से उन्हें अक्सर अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है लेकिन अपनी बच्चियों को बेहतर भविष्य देने के लिए उन्हें यह काम करना पड़ता है।
योगिता ने जहां एक तरफ सामाजिक बंदिशों को तोड़कर पुरूषवादी पेशे में कदम रखा, वहीं कई महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बनी। खासतौर पर उन पढ़े लिखे लोगों के लिए जो समझते हैं कि इस तरह का पेशा अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोगों के लिए होता है।