मंगलौर: किसानों का कर्ज माफ ना करने के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता भड़क उठे। उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार को किसान विरोधी बताया। साथ ही कृषि यंत्रों पर जीएसटी लगाने के विरोध स्वरूप में एक बुग्गी को राजमार्ग पर खड़ा कर आग लगा दी।
शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मंगलौर गुड़ मंडी में एकत्र हुए। किसानों ने कहा कि मौजूदा सरकार अन्नदाता का गला काटकर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। सरकार की अधिकांश नीतियां पूरी तरह से किसान विरोधी हैं। आज देश के अंदर लग्जरी सामानों पर जीएसटी 5 फीसद है जबकि कृषि उपकरणों पर जीएसटी 28 फीसद तक है। विधान सभा चुनाव से पहले सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का वायदा किया था लेकिन मुख्यमंत्री अब कह रहे हैं कि किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा।
उन्होंने गन्ने के दाम 400 रुपये प्रति कुंतल मांगे। साथ ही सिंचाई के लिए सस्ती दरों पर बिजली देने की मांग उठाई। इस मौके पर भारतीय किसान यू. के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, सुक्रमपाल, अनुज कुमार, विकेश कुमार, भूरा, चमनलाल शर्मा, सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सीएम को घेरने की योजना नहीं चढ़ी परवान
भाकियू पदाधिकारियों को मंगलौर के समीप एक होटल में मुख्यमंत्री के आने की जानकारी मिली। उन्होंने घेराव की योजना तैयारी कर ली। इसके लिए किसान मंगलौर गुड़ मंडी में एकत्र होना शुरू हो गए। किसी ने किसानों को बताया कि मुख्यमंत्री एक बजे आएंगे लेकिन सीएम दोपहर 12 बजे ही कार्यक्रम में पहुंच गए और एक बजे चले गए। इसके चलते भाकियू कार्यकर्ताओं की मुख्यमंत्री का घेराव करने की योजना परवान नहीं चढ़ पाई।