पाकिस्तान के खिलाफ हुई एअर स्ट्राइक के अगले दिन भारतीय वायुसेना ने अपने ही एम आई 17 हेलिकॉप्टर को बड़गांम में मार गिराया था। हालांकि ये खबर चुनावों तक सामने नहीं आ पाई लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद इसे लेकर खबरें प्रकाशित होने लगीं हैं। हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के संबंध में श्रीनगर एयरबेस पर तैनात वायुसेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारी (एयर ऑफिसर कमांडिंग- एओसी) को हटा दिया गया है। इस हादसे में छह जवान शहीद हो गए थे जबकि एक नागरिक की भी मौत हो गई थी।
अखबार के मुताबिक इस मामले में फिलहाल कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है। फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। रिपोर्ट में प्रारंभिक जांच के हवाले से कहा गया है कि इस हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का समझकर भारतीय वायुसेना की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल से गलती से इस पर हमला कर दिया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की जांच पूरी होने वाली है और वायुसेना इस बारे में विचार कर रहा है कि लापरवाही बरतने वालों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए या नहीं.
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स से कहा है, ‘लापरवाही बरतने वालों को बक्शा नहीं जाना चाहिए. वायुसेना नेतृत्व इस बारे में स्पष्ट है कि ऐसी लापरवाही दोहरायी नहीं जा सकती.’
फिलहाल श्रीनगर एयरबेस पर तैनात एओसी को हटा दिया गया है, क्योंकि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना उनकी ही निगरानी में हुई है. प्रारंभिक जांच में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि कथित तौर पर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए कई ख़ामियां ज़िम्मेदार हैं. उदाहरण के तौर पर उस दिन भारत और पाकिस्तानी वायुसेना के बीच हुए हवाई संघर्ष के बाद ट्रैफिक कंट्रोल ने हेलीकॉप्टर को वापस लौटने को कहा था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एमआई-17 हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी का एक शक्तिशाली हेलीकॉप्टर है, जिसने स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ की कमान में उस दिन सुबह 10 बजे श्रीनगर एयरबेस से उड़ान भरी थी.
तक़रीबन उसी समय भारतीय वायुसेना में घुसपैठ होने का एलर्ट भी जारी किया गया था. नौशेरा में भारतीय और पाकिस्तान वायुसेना के बीच संघर्ष जारी था और तक़रीबन 10:10 बजे बड़गाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया