अल्मोड़ा: अल्मोड़ा के राजकीय अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें ब्लड ग्रुप की गलत रिपोर्ट ने एक नवजात की जान ले ली। बताया जा रहा है कि अस्पताल की लैब में नवजात की मां का ब्लड ग्रुप पॉजिटिव बताया गया था, लेकिन डिलीवरी के बाद मां का ब्लड ग्रुप निगेटिव पाया गया। अगर पहले ही निगेटिव ब्लड ग्रुप के आधार पर इंजेक्शन लग जाते तो उसकी जान बच सकती थी।
मकड़ों गांव निवासी लक्ष्मण सिंह रावत का कहना है कि उनकी पत्नी पूजा रावत की दूसरी डिलीवरी थी। शुक्रवार को करीब साढ़े तीन बजे वह पत्नी को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाए। डाक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी पत्नी की नॉर्मल डिलीवरी हुई है। डिलीवरी होने के बाद 4.15 मिनट तक बच्चा स्वस्थ था। डिलीवरी के एक घंटे बाद उन्हें बच्चा सौंपते हुए नर्सों ने कहा कि बच्चे को बाल रोग डॉक्टर को दिखवा लो। इसके बाद बच्चे को वार्मर में रखने को कहा गया और ऑक्सीजन भी लगाई गई। साढ़े पांच बजे नवजात ने दम तोड़ दिया।