लक्सर(गोविंद सिंह)-एक तरफ जहां पर्वतीय इलाकों में हुई बारिश और बर्फबारी से पर्यटकों के चहरे खिल उठे. बर्फबारी देख पर्यटकों के चेहरे पर जो खुशी आई वह उत्तराखंड के पर्यटन विभाग और राज्य के लिए अच्छा है. लेकिन वहीं इस बारिश से किसानों के चेहरे में सलवटें पड़ गई.जी हां लक्सर में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हो हुई जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे साफ़ नज़र आ रही है.
आपको बताते चलें लक्सर क्षेत्र में 3000 हेक्टर के लगभग इस बार किसानों ने सरसों की फसले पैदावार की है। अच्छी फसल की पैदावारी की उम्मीद लगाते हुए जहां किसानों ने अपनी फसल को कीटनाशक से बचाकर काफी खर्च किया साथ ही खेतों की रखबाली कर खेतों और फसलों को जंगली जानवरों से बचाया. किसानों ने अपनी पूरी मेहनत के साथ सारी जमा पूंजी भी दांव पर लगा दी है।
लेकिन लक्सर में मौसम के बिगड़ते मिजाज को लेकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी है। किसानों का साफ तौर से कहना है कि सरसों कि फसल अच्छी तो हुई है मगर मौसम का मिजाज फसलों को खराब कर रहा है. किसानों का कहना है अगर तेज हवाओं के साथ बारिश या ओलावर्ष्टि होती हैं तो सरसों की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार भी कहा गया है कि लक्सर में तेज बारिश और ओलावृष्टि की पूरी पूरी सम्भावना है जिसको लेकर किसान काफी चिंतित है. किसान दिन रात भगवान से प्राथना कर रहे है कि मौसम सही रहे ताकि उन्होंने जो खून पसीने से मेहनत कर फसल उगायी है उसका उचित मूल्य उन्हें मिल सके.