सितारगंज- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के ग्राहकों के खातों से परिवादी बैंक के कूटरचित दस्तावेज, वाउचर्स आदि तैयार कर खिड़की चालक पद तैनात कर्मचारी ने नौ लाख दस हजार रुपये का गबन कर दिया। एसबीआइ के बैंक प्रबंधक पूर्व नाम स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने आरोपित के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। जालसाजी के इस मामले में आरोपित को दो साल पहले बैंक सेवा से बर्खास्त भी किया चुका है।
किच्छा रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक रामजीलाल मीणा, पूर्व नाम स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने न्यायालय में दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि शाखा में अखिलेश कुमार पुत्र भगवान दास निवासी न्यू रामनगर, थाना औराई जिला जालौन उत्तर प्रदेश खिड़की चालक यानि विंडो ऑपरेटर के पद पर था। वह 12 दिसबंर वर्ष 2013 से 19 अक्टूबर वर्ष 2015 तक तैनात रहा। आरोपी ने अपने सेवाकाल में तीन जुलाई वर्ष 2015 से उसकी व परिवादी बैंक एवं ग्राहकों के खातों से कूटरचित दस्तावेज, वाउचर्स तैयार कर धोखाधड़ी से नौ लाख दस हजार रुपये का गबन कर दिया।
उसे व परिवादी बैंक को गबन का पता चला तो बैंक की सर्तकता विभाग की टीम ने जांच की, जिसमें गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्होंने व परिवादी बैंक ने अखिलेश कुमार को 10 अगस्त 2016 को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद आरोपित हाई कोर्ट की शरण में पहुंचा। वहां भी उसे राहत नहीं मिली।
10 मार्च वर्ष 2017 को मामले में एसएसपी को शिकायती पत्र भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद किच्छा रोड स्थित एसबीआइ के शाखा प्रबंधक ने मामले से दोबारा पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने आरोपित अखिलेश कुमार के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उपनिरीक्षक गोधन सिंह राणा ने बताया कि एसबीआइ प्रबंधक पूर्व नाम स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के प्रबंधक रामजीलाल मीणा ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया है।