नैनीताल- एक और जहां राज्य सरकार यह दावे कर रही है कि जंगल की आग कोई ज्यादा बड़ी आग नहीं है और इस प्रकार की आग हर साल लगती रहती है. और ये बयान खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत दे चुके हैं. साथ ही वन मंत्री हरक सिंह रावत की चुप्पी लोगों को बुदबुदाने में मजबूर कर रही है.
वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो इस आग का तांडव इस कदर है कि उत्तराखंड के जंगल आज धू-धू कर जल रहे हैं और इस से निकलने वाले धुएं से तमाम तरह की परेशानियां लोगों को हो रही हैं. साथ ही कई स्कूली बच्चे इसमें झुलस गए हैं, बच्चों का स्कूल जाना औऱ पढ़ना मुहाल हो रखा है. कई बेगुनाह और बेजुबान मावेशी मारे गए हैं.
धुंध का कहर, नहीं कर पाया लैंड
वहीं आज इसका उदाहरण देखने को मिला नैनीताल में रुके हुए प्रदेश के महामहिम राज्यपाल केके पॉल. जिनको नैनीताल से आज देहरादून जाना था लेकिन धुंध के कारण उनका हेलीकॉप्टर नैनीताल में लैंड नहीं कर पाया और उन्होंने अपने हेलीकॉप्टर को रामनगर बुलाया और रामनगर से वह देहरादून के लिए रवाना हुए.
उन्होंने मीडिया से तो ज्यादा बात नहीं की लेकिन उन्होंने बताया कि नैनीताल में काफी धुंध थी जिस कारण हेलीकॉप्टर नीचे नहीं उतर पाया और हेलीकॉप्टर को रामनगर बुलाना पड़ा. अचानक महामहिम के रामनगर आने के सन्देश से स्थानीय विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ-पाँव फूल गए. सुरक्षा के लिए रवाना हुए रामनगर पहुंचे राज्यपाल को देहरादून के लिए रवाना हुए।अब देखने वाली बात यह है कि राज्य सरकार एक और जहां अपना बचाव कर रही है और जंगल की आग को मामूली आग बता रही है वहीं दूसरी ओर एक राज्यपाल का हेलीकॉप्टर तक इसमें के कारण नैनीताल नहीं पहुंच पाया.