होली के बीतने के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने गर्मी को लेकर टेंशन बढ़ाने वाली खबर दी है। वैज्ञानिकों ने इस बार मार्च में मई जैसी गर्मी पड़ने का अंदेशा जताया है। इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है। आने वाले दिनों में उत्तराखंड के मैदानी जिलों में तापमान तेजी से बढ़ेगा। मार्च के दूसरे हफ्ते में मैदानी इलाकों में लू तक चलने की आशंका है।
भीषण गर्मी के संकेत
खासतौर पर हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर जिलों में गर्मी का भीषण प्रकोप देखने को मिल सकता है। बता दे मार्च के पहले हफ्ते में उत्तराखंड में तापमान तेजी से बढ़ा है, जिससे गर्मी भी बढ़ गई है। बीते कुछ दिनों से तापमान सामान्य की तुलना में अधिक रहा। मौसम में हो रहे बदलाव के चलते वैज्ञानिकों ने इस बार भीषण गर्मी पड़ने के संकेत दिए हैं। वैज्ञानिकों की माने तो गर्मी बढ़ने से मार्च में ही मई जैसी गर्मी का अहसास होने लगेगा,
जीबी पंत विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक आरके सिंह ने बताया कि मार्च माह में सामान्यतः अधिकतम तापमान 21 से 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन बदलते मौसम के कारण इस बार अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। औसत तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है, बीते 6 सालों में इस साल मार्च का महीना सबसे गर्म रहा। वहीं प्रदूषण बढ़ रहा है, ग्रीन हाउस इंपेक्ट बढ़ने से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। इसके दुष्प्रभाव से भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है।
इस साल पारा अधिक चढ़ने के संकेत
बता दे प्रदेश में बीते साल मार्च में ऊधमसिंहनगर जिले का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस था, जो कि इस साल 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह बीते साल की तुलना में 5 डिग्री अधिक है। आने वाले समय में इस साल पारा अधिक चढ़ने के भी संकेत हैं।
लू से बचने के उपाय
- तेज धूप और गर्म हवाओं में निकलने से बचें।
- यदि किसी कारण तेज गर्मी में घर से बाहर निकलना पड़े तो नींबू पानी या इलेक्ट्रॉल पीकर निकलें।
- शरीर में फ्लूइड की मात्रा को पूरा करने के लिए सिर्फ ताजे पानी पर निर्भर ना रहें. बल्कि ठंडा दूध और नारियल पानी जैसे देसी पेय जरूर पिएं।
- सोडा, कोल्ड ड्रिंक, कॉफी और चाय से जितना हो सके दूर रहें. ये शरीर में पानी की मात्रा को कम करने काम करती है। इससे लू लगने की आशंका भी बढ़ जाती है।
- धूप में निकलने से पहले कॉटन के कपड़े पहनें और फुल बाजू के कपड़े पहनें।
- नाक और मुंह के हिस्से को मास्क से कवर रखें या फिर रुमाल बांधकर रखें।
- पानी की बोतल साथ लेकर चलें और प्यास को बर्दाश्त ना करें।