आपको बता दें कि हरप्रीत लुधियाना के दोराहा शहर के रहने वाले हैं. जो की बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात थे इस दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और मुकाम हासिल किया. हरप्रीत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने पांचवें अटेंप्ट में ये परीक्षा पास की. किस्मत ने पहली बार में उन्हें प्रीलिम्स में पास करा दिया लेकिन, वो मेन्स में अटक गए. फिर बाकी तीन बार वो इंटरव्यू तक पहुंचकर बाहर हो गए. फिर साल 2017 में उन्होंने 454 रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने इंडियन ट्रेड सर्विस ज्वाइन की. फिर साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर सिविल सर्विस का एग्जाम दिया जिसका रिजल्ट साल 2019 में आया इसमें वो 19वीं रैंक पा चुके थे.
पहली ही बार में की असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा क्वालीफाई
हरमीत ने बताया कि जब वो कोचिंग के लिए गए तो पहली ही बार में उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा क्वालीफाई कर ली. यहीं से उन्हें बीएसफ में पोस्टिंग मिल गई. उन्होंने यहां से बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट वेस्ट बंगाल स्थित बांग्लादेश बॉर्डर में ज्वाइन कर लिया. अब पढ़ाई के लिए उन्होंने एक खास तरीका चुना था. ये तैयारी का तरीका उनका अपना इजाद किया हुआ है.
उन्होंने बताया कि कॉलेज खत्म होने के बाद उन्हें आईबीएम कंपनी में जॉब की लेकिन मन में कुछ औऱ ही बनने की ठानी थी. तो इस जॉब में उनका मन नहीं लगा औऱ उन्होंने नौकरी छोड़ दी जिसके बाद वो यूपीएससी की तैयारी जुट गए.
बीएसफ में एक दौर था जब उन्हें फिजिकल ट्रेनिंग से गुजरना था. ये ट्रेनिंग काफी मुश्किल होती है. ऐसे में उन्हें तैयारी का बहुत वक्त नहीं मिला. फिर उनकी सीधी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर हो गई. अब यहां वो खाली वक्त में सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए. लेकिन इतने कम वक्त में उनकी तैयारी का अलग तरीका ही उनके सबसे ज्यादा काम आया.
वो बताते हैं कि मैंने नौकरी के साथ बार-बार एग्जाम दिए हैं. इस दौरान मेरा ट्रेड सर्विस में सिलेक्शन हो गया था. उन्होंने कहा कि मेरी तैयारी में सबसे ज्यादा काम आए मेरे अपने बनाए नोट्स.
वो बताते हैं कि मैंने नौकरी के साथ बार-बार एग्जाम दिए हैं. इस दौरान मेरा ट्रेड सर्विस में सिलेक्शन हो गया था. उन्होंने कहा कि मेरी तैयारी में सबसे ज्यादा काम आए मेरे अपने बनाए नोट्स. वो कहते हैं कि अगर कोई भी सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है तो उसे अपने नोट्स बनाने में सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए. इससे यूपीएससी के साथ साथ कई दूसरे एग्जाम भी क्लीयर हो जाते हैं. साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी आसान हो जाती है.