हाथ भी मिलने चाहिए और दिल भी। चुनावी साल में किसी तरह का जोखिम नहीं लिया जा सकता। मिलकर चलो और भाजपा की पर्दाफाश रैली की काट खोजो। बात-बात पर रूठना और नाराजगी की खबर मीडिया के जरिए आलाकमान तक पहुंचना गलत है। शायद कुछ ऐसी ही नसीहतें लेकर वापस लौटें हैं दिल्ली से कांग्रेस के दिग्गज।
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन और सरकार के बीच आपसी ताल्लुकात ठीक नहीं है कि खबर से परेंशान आलाकमान ने सूबे के सीएम और संगठन के मुखिया को तलब किया। जहां आलाकमान ने साफ कर दिया कि चुनावी साल में किसी खतरे को मोल नहीं लिया जा सकता तुरंत चुनावी मोड में आ जाओ। खबर के मुताबिक तकरीबन एक घंटे तक दिल्ली मे पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों नेताओं की क्लास ली और समन्वय का सबक सिखाया।
खबर है कि आलाकमान के साथ हुई बैठक में दोनों नेताओं को संबन्ध मधुर करने की हिदायत दी गई और आने वाले चुनाव के लिए कई टिप्स भी दिए गए। पीड़ीएफ का सवाल भी उठा। चुनावी घोषणा पत्र की कमेटी,चुनाव प्रचार की समिति पर चर्चा भी की गई। जबकि भाजपा की पर्दाफाश रैली की काट का फार्मूला सोचा गया कि सरकार के विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। तभी कांग्रेस सत्ता में दोबारा वापसी करेगी। खैर सबक लेकर दिग्गज दिल्ली से वापस देहरादून आ गए हैं लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि आलाकमान की नसीहत पर कितना अमल कर पाते हैं।