किच्छा(मो. यासीन): शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से छोटे सिलेंडरों में रसोई गैस भरने का धंधा प्रशासन की नाक के नीचे जोरों पर चल रहा है,लेकिन प्रशासन फिर भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
सिलेंडर रिफिलिंग, वाहन चलाने, होटल-ढाबोें एंव ठेलों पर अवैध प्रयोग
प्रशासन द्वारा गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी को रोकने के लिए बड़े-बड़े रोड मैप तो तैयार किये जाते हैं,लेकिन इनका असर जमीनी स्तर पर नहीं दिखाई देता है। जिसके कारण घरेलू गैस सिलेंडरोे का प्रयाग अवैध रूप से सिलेंडर रिफिलिंग, वाहन चलाने, होटल-ढाबोें एंव ठेलों पर अवैध रूप से प्रयोग किया जा रहा है.
बड़े-बड़े हादसे होने का डर
घरेलू सिलेंडरो के अवैध रूप से हो रहे प्रयोगों से सरकारी खजाने से लेकर आम जनता को काफी नुकसान होता है।लेकिन इसके बाद भी एलपीजी गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी करने वालों का कारोबार तेजी के साथ पूरे किच्छा मे फल फूल रहा है,क्षेत्र की घनी आबादी के बीचों बीच चल रहे गैस रिफिलिंग के कारोबार के कई बार बड़े हादसे को समय रहते रोका लिया गया अगर हादसा होता तो कई घर उजड़ गए होते।
पिछले कुछ वर्ष में गैस रिफिलिंग के कारण से हुए हादसों से भी प्रशासन सबक सीखने को तैयार नहीे है।देखना ये होगा कि प्रशासन कुंभकरण की नींद से जागेगा या फिर कुंभकरण की नींद में ही सोया रहेगा।
एक सिलेंडर से 770 रुपये मुनाफा
गैस एजेंसी से 14.2 किलोग्राम का एक गैस सिलेंडर प्राप्त होता है। जबकि हैंडीगैस में प्रति किलोग्राम गैस भरने के 80-110 रुपये वसूले जा रहे हैं। इस हिसाब से लगभग 770 रुपये में मिलने वाला एक सिलेंडर 1120-1540 रुपये में बिकता है। इससे रिफलिंग वालों को 350-770 रुपये तक मुनाफा होता है।जबकि क्नैकशन स्वामी के खाते मे सब्सिडी आ जाता है।
मजबूरी में लेते हैं रसोई गैस
बाँक्स: रसोई गैस कनेक्शन न होने के कारण मजदूर तबके के लोग जरूरत के अनुसार छोटे सिलेंडर में गैस भरवा लेते हैं। कालाबाजारी करने वाले गैस एजेंसी के कर्मचारी की मिलीभगत से बड़ा गैस सिलेंडर लाते हैं और रिफि¨लग करके बेचते हैं।रूद्रपुर सिडकुल मे काम करने वाले विजय ने बताया कि उनके पास कोई भी रसोई गैस कनेक्शन नहीं है। जब जितनी जरूरत होती है, पांच किलो वाले सिलेंडर में गैस भरवा लेते हैं।वसुंधरा दीप की टीम ने गैस एजेंसी द्वारा मिलने वाले 5 किलो के सिलेंडर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे इस सिलेंडर की कोई जानकारी नहीं है।
घरेलू रसोई गैस सिलेंडरों का व्यवसायिक इस्तेमाल
घरेलू रसोई गैस सिलेंडरों का अवैध रूप से व्यवसायिक इस्तेमाल बढी मात्रा मे हो रहा है। खोमचे ओर रेहडी वालों से लेकर होटल- ढाबों और टी-स्टालों वाले अवैध रूप से व्यवसायिक प्रयोग कर रहे हैं। होमडीलिवरी कर्मियों की मिलीभगत से घरेलू गैस सिलेंडर मिल जाते हैं, वहीं कुछ लोग जिनके साल में कम सिलेंडरों की खपत होती है, वह सब्सिडी के लालच में अपनी कॉपी दूसरों को दे देते हैं।जिसके कारण गैस सिलेंडर के अवैध कारोबार का धंधा फलफूल रहा है।
इन स्थानो पर होता है गैस रिफिलिंग का कारोबार।
बाँक्स:किच्छा के महाराणा प्रताप चौक के निकट,दीनदयाल चौक के निकट,बण्डिया चौराहे के आस पास, सिरौली कला मे,ग्राम दरऊ बाजार मे,लालपुर चौराहे के आस पा स्थित मार्केट में एंव किच्छा के कई वार्डो मे छोटी छोटी दुकान के अंदर गैस रिफिलिंग का कारोबार चल रहा है।
अगर प्रशासन एंव क्षेत्र की सभी गैस एजेंसी मिलकर गैस एजेंसी से मिलने वाली पांच किग्रा वालो सिलेंडर के बारे मे लोगो को जागरूक करें तो गैस रिफिलिंग के कारोबार पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है.