देहरादून: अगर आप देहरादून-हरिद्वार के बीच रोडवेज की बसों में सफर करना चाह रहे हैं, तो साथ में छाता भी जरूर लेकर चलें। आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। ऐसा इसलिए कि रोडवेज की बसें बरसात में टपकने लगती हैं। जिससे यात्रियों को बस में भी छाता लेकर जाना पड़ रहा है। हैरानी की बात ये है कि ये सब मुख्यमंत्री तक के संज्ञान में है। बावजूद इसके टपकती बसों का अब भी संचालन जारी है। कह सकते हैं कि केवल रोडवेज की बस नहीं पूरा सिस्टम ही लीकेज हो चला है।
सोशल मीडिया में वीडियो वायरल
सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें आपको साफ नजर आएगा कि किस तरह से सवारी छाता लेकर सफर कर रहे हैं। लोगों का बस के भीतर पैर रखना भी मुश्किल हो रहा है। बारिश का पानी बस में बहता हुआ नजर आ रहा है। दूसरी, ओर रोडवेज बस का कंडक्टर यात्रियों की समस्याओं से बेफिक्र सवारियों से उनकी फजीहत कराने के लिए टिकट कटवा रहा है।
खतरे में सवारियों की जान
रोडवेज की ये बसें चलने लायक नहीं रही हैं। इनमें से ज्यादातर बसों की फिटनेस भी ठीक नहीं है। कुछ बसें संचालन के लिए निर्धारित उम्र भी पूरी कर चुकी हैं। बावजूद इसके अन बसों को दौड़ाया जा रहा है। कई बार बसें बीच रास्तों में भी बंद हो चुकी हैं। खटारा बसों में यात्रा करने वाली सवारियों की जान से खिलाड़ किया जा रहा है।
जर्जर हो गई बसें
दरअसल, ये लाल बसें जूएनयूआरएम योजना के तहत खरीदी गई थी। बसों के इंजन में इतनी ताकत नहीं थी कि ये पहाड़ चढ़ सकें, इसलिए इनको मैदानी इलाकों में चलाया गया। देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश और हल्द्वानी-रुद्रपुर के बीच इनका संचालन हो रहा है। परिवहन निगम और सरकार की लापरवाही के चलते इन बसों की हालत खस्ता होती चली गई। जिस कारण कई बसें जर्जर हो गईं और उनकी छतें टपकने लगी।