नई दिल्ली: शरीर का दर्द हो या सिर का, आराम पाने के लिए हर कोई ऐस्पिरिन का सहारा लेता है. ये एक ऐसी दवाई है जो हर घर में मिल जाएगी. ज़्यादातर लोग इस ऐस्पिरिन को डिस्प्रिन के नाम से जानते हैं. ऐस्पिरिन को डिस्प्रिन के अलावा एकोस्प्रिन के नाम से भी जाना जाता है. ये दवा दर्द को कम करती है, बुखार में काम आती है, हार्ट अटैक को रोकती है और कैंसर में भी मददगार साबित होती है. लेकिन इसका ज़्यादा सेवन भी खून का पतला कर देता है. अब सवाल यह है कि इसे लेना चाहिए या नहीं? इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानें.
डॉक्टरों के मुताबिक यूएन प्रीवेंटिव सर्विस टास्क फोर्स के मुताबिक 50 साल के ऊपर के लोगों में 10 प्रतिशत से ज़्यादा कार्डियो वस्क्युलर डिजीज़ होने का खतरा बना रहता है. इसीलिए उन्हें ऐस्पिरिन का हल्का डोज़ लेना चाहिए. इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है और कोलन कैंसर से भी सुरक्षा मिलती है.
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्केटर के मुताबिक भारत में हार्ट अटैक का खतरा आम है. इसीलिए यहां लोगों को ऐस्पिरिन लेने की सलाह दी जाती है. क्योंकि ये टैबलेट खून पतला करती है जिससे धमनियों में खून रुकने का खतरा कम हो जाता है.
ऐस्पिरिन लेनी चाहिए या नहीं?
जो नसें आपके खूब को ले जाती हैं उनमें थक्का जम सकता है. आपकी दिल की नसों में वसा जम सकती है जिसे आर्थिक्लोरोरिस कहते हैं. ये वसा कभी भी फट सकती है जिससे खून का थक्का जम जाता है. थक्का जमने से रक्त प्रवाह रुक सकता है, जिस वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है.
खून को पतला करने का काम करती
ऐस्पिरिन खून को पतला करने का काम करती है. यह प्लेट लिस्ट को आपस में जुड़ने से रोकती है और थक्का नहीं बनने देती. इस वजह से दिल के दौरे का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
लेकिन खून का थक्का जमना भी ज़रूरी है. क्योंकि चोट लगने के वक्त अगर थक्का नहीं जमा होगा तो यह खून चोट से ज़्यादा निकलेगा. चोट की जगह पर प्लेट लिस्ट आपस में नहीं जुड़ पाएंगी, जिससे खून का बहाव शरीर से ज़्यादा होगा. इससे साफ है ऐस्पिरिन खून को पतला करने का काम करता है जिससे दिल और दिमाग में खून नहीं जमता. कभी-कभी देखा गया कि ऐस्पिरिन के ज़्यादा सेवन से पेट का अल्सर होने का खतरा भी बना रहता है. लेकिन खून बहने के अलगअलग कारण भी हो सकते हैं.
75mg की ऐस्पिरिन देने की सलाह
दुनियाभर में कई मेडिकल सोसाइटिज़ स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसी दिल की बीमारियों को रोकने के लिए 75mg की ऐस्पिरिन देने की सलाह देती है. खासकर तब जब आपको हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, डायबिटिज़ हो या फिर आप धुम्रपान करते हों. इसीलिए कभी भी खुद से ऐस्पिरिन ना लें क्योंकि डॉक्टर आपको बीमारी या खतरे के हिसाब से ऐस्पिरिन की डोज़ देंगे. लेकिन अगर आपको पहले से ही हार्ट की परेशानी है और डॉक्टर ने आपको ऐस्पिरिन खाने को कहा है तो उसे खुद से खाना ना छोड़ें. साथ ही, खान-पान का भी ध्यान रखें और एक्सरसाइज़ करते रहें.