जोशीमठ- दुनिया भर में अपने बर्फीले स्लोब के लिए मशहूर औली इस साल बर्फ के दीदार के लिए तरस गया है। आलम ये है कि, जहां 15 जनवरी से 21 जनवरी तक होने वाली अन्तर्राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता फरवरी के लिए टल गई है, वहीं पर्याप्त बर्फ के आभाव में ITBP के हिमवीरों को भी प्रशिक्षण के लिए गौरसों टॉप की शरण लेनी पड़ गई है।
मौसम की दगाबाजी के चलते इस बार जनवरी का महीना औली के मिजाज के मुताबिक नहीं रहा। इससे सूबे के पर्यटन महकमे और आईटीबीपी के हिमवीरों को निराश होना पड़ा । ऐसे में हिमवीरों को इन दिनों समुद्रतल से 3400 मीटर की ऊंचाई पर गौरसों टॉप में प्रशिक्षण लेना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि हिमवीरों को स्कीइंग समेत हिमालयी चुनौतियों का सामना करने की ट्रेनिंग लेनी होती है। जहां उन्हें बर्फबारी के दौरान खतरों से निपटने, बर्फ में सीमा पर गश्त करने जैसे अभ्यास कराए जाते हैं। ताकि हिमवीर वक्त आने पर चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकें।
औली में आइटीबीपी की ओर से भारतीय पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान संचालित किया जाता है। शीतकाल में हिमवीर यहां सीमा की चुनौतियों से निपटने के लिए स्कीइंग व अन्य क्रियाकलापों का प्रशिक्षण लेते हैं। लेकिन इस बार औली में बर्फ मौजूद न होने के चलते हिमवीरों को गौरसों टॉप की चोटियों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
भारतीय पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान औली के डीआइजी गंभीर सिंह चौहान ने बताया कि इन दिनों गौरसों टॉप में पर्याप्त बर्फ है। लिहाजा जवानों को वहीं स्की प्रशिक्षण दिया जा रहा है।