डेस्क – भारत के लाल टमाटरों का पाकिस्तान से गहरा ताल्लुक है। आपको ये जानकर हैरत होगी कि पाक की हर किचन में भारतीय टमाटर ही पाकिस्तानी दाल का स्वाद बढ़ाते हैं। भारत से हर महीने 300 ट्रकों की खेप पाकिस्तान के बाजारों में पहुंच कर खप जाती है। आम पाकिस्तानी भारतीय टमाटर को बड़े चाव से खरीदता है।मगर उड़ी सेक्टर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के टमाटर का कनेक्शन पाक से कटने की कगार पर है। अगर रिश्ते यूं ही तल्ख रहे तो भारतीय टमाटर की चटनी बन कर रहेगी।
गौरतलब है कि अगस्त में 300 ट्रक टमाटर की खेप 50 ट्रक पर पहुंच गई है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर हालात यूं ही रहे तो इसमें और गिरावट आ जाएगी और हो सकता है कि अटारी बाघा सीमा से भारत-पाक के बीच आयात-निर्यात ही न हो। अगर ऐसा हुआ तो इसका बड़ा असर पड़ेगा। खासकर टमाटर की बात की जाए तो पाकिस्तान मे टमाटर के दाम इतने बढ़ जाएंगे कि आम पाकिस्तानी का चेहरा लाल हो जाएगा। जबकि भारत में टमाटर के दाम इतने घट जाएंगे कि भारत में टमाटर उत्पादक किसान का मुनाफा गिर कर आधा हो जाए या वो सिर्फ लागत ही वसूल कर सके।
जब अक्टूबर में पंजाब और दूसरे टमाटर उत्पादक राज्यों के टमाटर मंडियों में आएंगे तो किसानों के लिहाज से हालात और भी खराब होने का अंदेशा है। क्योंकि अगर भारत पाक के रिश्ते यूं ही तल्ख बने रहे तो भारत में टमाटर के दामो में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है उम्मीद जताई जा रही है कि जो दुर्गति प्याज की मध्यप्रदेश में हुई वैसे ही बुरी गत पंजाब में टमाटर की हो जाएगी। ऐसे में देखना ये है कि सरकार टमाटर उत्पादक किसान को नुकसान से बचा पाती है या नही। अगर दोनो देशों के रिश्ते नहीं सुधरते तो जरूरत इस बात कि होगी कि देश की हर मंडी में टमाटर के दाम एक से रहें ताकि पंजाब और दूसरे टमाटर उत्पादक किसान को उसका मुनाफा मिलता रहे।