खुद सलमान ने यह स्टेटमेंट देते हुए नहीं सोचा होगा कि उनकी बड़े बजट की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ फ्लॉप हो जाएगी। ट्यूबलाइट की रिलीज़ से पहले हुई मुलाकात में हमने सलमान से पूछा था, ‘दर्शकों की नब्ज जानने में आपको महारथ है। फिल्म दर्शक की पसंद से बन रही है, इसको कैसे जांचते हैं आप? सलमान बोले, ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो मेरी सोच है वह दर्शकों की पसंद के अनुसार ही चल रही है।
अभी तक तो टचवुड जो मेरी ऑडियंस है और उनके रिएक्शन हैं वह सही जा रहे हैं। अब तक तो सही हैं, आगे क्या पता कब गलत हो जाए।’
क्या पता कब दिमाग ख़राब हो जाए
सलमान ने कहा, ‘किसी के दिमाग पर कोई कंट्रोल नहीं होता। आपको ऐसा लगता है कि आपका दिमाग सही है और बाकी सब बेवकूफ हैं। यह भी तो हो सकता है कि आप बेवकूफ हों और बाकी सबका दिमाग सही चल रहा हो। आपको पता नहीं कि कब आपका दिमाग खराब हो जाए। घुटने में चोट लगेगी तो उसका इलाज कराऊंगा। गर्दन में या फिर पीठ में दर्द होगा तो उसका इलाज करा लूंगा, लेकिन अगर दिमाग खराब हो जाए तो उसमें दर्द नहीं होता।
80 साल तक नहीं झेलना पड़ेगा
सलमान ने आगे कहा है, ‘जिस दिन एक या दो फिल्में नहीं चलेंगी उस दिन मैं समझूंगा कि जो मैं सोच रहा हूं और जो मेरे फैंस सोच रहे हैं वह अलग-अलग है। या फिर ये कि मेरा टाइम खत्म हो गया है, अब मैं कुछ और करूंगा। इसके पहले मैं एक-दो फिल्में और भी ट्राई करूंगा, वे भी नहीं चलीं तो समझ जाऊंगा कि अब बस हो गया। दर्शक मुझे यहां तक लेकर आए हैं, तो उसके बाद किसी और को पकड़ लेंगे। बड़ी बात यह है कि जिनको पकड़े उनका भी टाइम अच्छा होना चाहिए। उनकी भी फिल्में अच्छी चलनी चाहिए। यह नहीं कि 80 साल तक मुझे ही झेलते रहें।’
स्क्रीन के बाहर भी हीरो हूं
सलमान कहना है कि जब तक दर्शक मुझे अट्रेक्टिव समझते हैं, उन्हें मैं अच्छा लगता हूं तब तक मैं काम करता रहूंगा। यंग लोग, बच्चे, बूढ़े सब मुझे पसंद करते हैं। जब तक ये जेनरेशन मुझे पसंद करती रहेगी तब तक मैं ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन हीरो रहूंगा। मेहनत भी सही दिशा में हो तभी उसका फल मिलता है वरना सब बेकार है।’