रानीखेत:- पिछले विधानसभा चुनावों मे देखा गया था कि दिग्गज नेता अपनी परम्परागत सीट के बजाय सूबे के मैदानी इलाकों से चुनाव लड़ने की जुगत भिड़ाते थे। इस बार भी ऐसे ही कयास लगाये जा रहे हैं कि कई दिग्गज अपने रणक्षेत्र बदल देंगें। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि वे रानीखेत से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे। इतना ही नही मीडिया से मुखातिब नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि उनमें अभी 25 साल और चुनावी जंग में उतरने का माद्दा है।
पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर बरसते हुए भट्ट ने कहा रावत सरकार भाजपा की केंद्र सरकार पर आए दिन सौतेले बर्ताव का आरोप लगाती है जो कि किसी भी एंगल से सही नही है,उन्होंने ने कटाक्ष किया कि आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस सरकार जहां महज15 करोड का बजट उपलब्ध करा सकी, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कम समय में ही 40 करोड़ से ज्यादा का बजट आवंटित कर चुकी हैं।
उन्होंने कांग्रेस की राज्य सरकार पर तीखे तंज कसते हुए कहा कि हरीश रावत बार-बार केंद्र से बजट न मिलने का राग अलाप रहे हैं जबकि केंद्र से आवंटित बजट की उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक उपलब्ध नहीं करा पाए हैं भट्ट ने कही सच तो ये है कि अभी राज्य के पास केंद्र का दिया पिछले साल का ही चार सौ अठासी करोड़ रुपया शेष बचा हुआ है।
अजय भट्ट ने कहा मुख्यमंत्री हरीश रावत पिछले दिनों राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन का हवाला दे कर कह रहें कि उसकी वजह से विकास कार्य बाधित हुए हैं जबकि सच्चाई ये है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान स्वीकृत बजट का 3.24 प्रतिशत ज्यादा कार्य हुआ। भट्ट ने आंकड़ों की बात करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में खनन से राज्य सरकार के खजाने में 272 करोड़ रूपए जमा हुए। जबकि राष्ट्रपति शासन के दौरान महज चार महीने के भीतर 126 करोड़ रुपये का सिर्फ जुर्माना ही खनन माफिया से वसूला गया। इससे साबित होता है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान काम कितनी तेजी हुआ।
इतना ही नहीं भट्ट ने कहा प्रदेश सरकार की साख लगातार गिरती जा रही है । सीएम नें बैंक से सौ करोड़ रुपया रोडवेज के लिए मागा, लेकिंन बैंक ने मना कर दिया। आलम ये है कि अपनी सरकार को जन-जन की सरकार बतानें वाले मुख्यमंत्री अभी तक जिला प्लान तक नहीं बना पाए हैं। उन्होंने कहा आने वाले चुनाव में जनता बता देगी कि किसकी सरकार विकास वाली है।