देहरादून(दीपिका रावत) : जी हां ये हेडलाइन देहरादून की सड़कों की हालतों को देखते हुए एकदम सटीक बैठती है. अगर आपको हिचकोले खाने हैं तो आप देहरादून आ जाइये…आपको गाड़ी समेत अच्छे-खासे हिचकोले खाने का मौका मिलेगा. और हां आपकी जान पर भी बन आ सकती है. जिसकी गारंटी सरकार नहीं लेती वो तो सिर्फ बयान देती है.
मानसून की शुरुआत हो चुकी है और बारिश से राज्य के कई जिलों में समस्या खड़ी हो गई है लेकिन सबसे बड़ी समस्या है अच्छी सड़कों की. बात करें देहरादून की तो आप देहरादून में कहीं भी चले जाइये आपको ऐसी सड़के दिखाई देंगी की आप वहां से गुजरने में डरेंगे और हिचकोले खाते हुए जाएंगे.
कारगी चौक से पटेलनगर लालपुल आने के बीच के रास्ते की हालत बद से बदतर
बात कर लें देहरादून के कारगी चौक से पटेलनगर लालपुल आने के बीच के रास्ते की तो सड़कों की हालत बद से बदतर है. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर वाहन दौड़ा रहे हैं. दोपहिया और चोपहिया वाहन हिचकोले खा रहे हैं औऱ साथ ही वाहन के अंदर बैठे लोग औऱ चालक की आंते तक इधर से उधर हो जाती हैं लेकिन गंभीर मसला ये भी है कि जनता चुप है और अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार है.
गढ्डों में लोग खा रहे हिचकोले
ये वीडियो कारगी चौक से लाल आने के रास्ते के बीच एलआईसी ऑफिस के पास की है.जहां भर-भर के बड़े बड़े गढ्डे सड़कों पर हुए हैं जिससे लग रहा है कि सड़क पर गढ्डे नहीं बल्कि गढ्डों पर सड़क है. गढ्डों में पानी भरा है और वाहनों के टायर एक दम अंदर धस जा रहे हैं. अच्छा खासा धक्का लोगों को वाहन चलाते समय लग रहा है.
रक्षाबंधन के दिन इन्हीं गढ्डों ने ली थी बहनों की जान, सीएम ने दिया था बयान
गौर हो की पिछले साल रक्षाबंधन के दिन राजपुर रोड़ पर दो बहनों की इसी गढ्डों के कारण मौत हो गई थी. दोनों बहने स्कूटी से कहींजा रही थी तभी सड़क में हुए गढ्डे में पानी भरा हुआ था जिस कारण स्कूटी का टायर धस गया और पीछे से आ रही गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी. सीएम ने बयान देते हुए कहा था कि मानसून की शुरुआत होने से पहले सड़कों के गढ्डे भर दिए जाएंगे लेकिन हालत आप देख सकते हैं.