हल्द्वानी- चुनावी साल मे जब दिल और हाथ दोनो मिलने चाहिए थे उस वक्त लगता है कांग्रेस में दिगगजों के बीच की दरारें कुछ ज्यादा चौड़ी होने लगी हैं। चुनावी साल दस्तक दे चुका है लेकिन दिग्गजों के दिल नहीं मिल रहे हैं। जरा सी बात का बतंगड़ बन रहा है। हर एक को अपना कुर्ता ज्यादा सफेद दिख रहा है। दरअसल काशीपुर में जिस दिन कांग्रेस की सतत विकास संकल्प यात्रा हुई थी उस दिन सूबे के कैबिनेट मंत्री यशपाल ने कुछ मुद्दों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। यशपाल आर्य तभी माने थे जब उन्हे मुख्यमंत्री ने मनाया और उन्हें रैली स्थल तक लाए। इस पर सूबे की वित्त मंत्री ने तंज कसा था कि आदमी नहीं पार्टी बड़ी होती है और जो लोग रूठते रहते हैं वो अपना ही नुकसान करते हैं।
कहते हैं बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। यही हुआ अब कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने भी पलटवार किया है। रूठने की बात पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि वे 35 साल से कांग्रेस आर्मी में हैं। इस दौरान कई उतार चढाव आए लेकिन उन्होने कांग्रेस कांग्रेस का दामन कभी नहीं छोड़ा। जबकि मुझ पर सवाल उठाने वाले वे लोग है जो कांग्रेस मे इधर-उधर से आए हैं। यशपाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि य़शपाल नाराज होकर सार्वजनिक बयान नहीं देते। जो लोग मेरी नाराजगी पर सवाल उठाते है उन्हें अपना आत्म विशलेषण करना चाहिए तब मेरे बारे मे कहना चाहिए।
यशपाल आर्य ने कहा कि मैं तभी नाराज होता हूं जब कांग्रेस के आम कार्यकर्ता की उपेक्षा होती है उसे तरजीह नहीं दी जाती। हालाकि कैबिनेट मंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि उन्होने अपनी बात कह कर पार्टी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश की बात का अब जवाब दिया है। अब देखना ये है कि य़शपाल की बात को कांग्रेस के दिग्गज किस अंदाज में लेते हैं। मौके की नजाकत भांप कर बात खत्म हो जाती है या अहम का सवाल बनकर रार बनती है।