विदिशा: इंसानियत और व्यवस्था को शर्मसार करने वाली घटना मध्य प्रदेश में सामने आया है। एमपी के विदिशा जिले में दिल दहलाने वाली घटना में पहले एक महिला के साथ उसके पति के दोस्तों ने गैंगरेप किया और विरोध करने पर पति की गला घोंटकर हत्या कर दी। पीड़िता को अपने पति के शव का पोस्टमॉर्टम और खुद का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए एक हेल्थ सेंटर से दूसरे हेल्थ सेंटर के चक्कर काटने पड़े।
इस दौरान पीड़िता को 100 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ा, क्योंकि पोस्टमॉर्टम के लिए हेल्थ सेंटर पर डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। पुलिस पीड़िता के लिए अपनी गाड़ी लेकर आई और पति का शव ले जाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली की व्यवस्था की। 34 किमी तक यात्रा करने के बाद महिला को पुलिस एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) लेकर पहुंची, वहां कोई डॉक्टर नहीं था। पुलिस इसके बाद महिला को 28 किमी दूर दूसरे पीएचसी लेकर गई जहां दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिला।
दिवाली के अगले दिन शराब पार्टी के लिए महिला के पति ने दो दोस्तों को घर पर बुलाया था। शराब पीने के बाद आरोपी सुनील कुशवाहा और मनोज अहिरवार ने महिला को घर के पिछले हिस्से में खींचा। महिला के पति ने उसे बचाने की कोशिश की तो दोनों ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी और महिला के साथ बलात्कार किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। दंपती का 12 साल का बेटा रेप और हत्या का गवाह बना जबकि दो बच्चे घटना के वक्त सो रहे थे।