उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में 5 महीने बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने वाली है लेकिन खास बात ये है कि अभी तक कई विधायक अपनी विधायक निधि का 50 प्रतिशत भी पूरा खर्च नहीं कर पाए हैं। विधानसभा चुनाव आने को हैं और विधायकों को जल्द ही जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना है लेकिन अभी तक विधायक निधि में 393 करोड़ रुपये शेष बचे हुए हैं। हिंदुस्तान में द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार कई विधायक बीते साढ़े चार साल में अपनी आधी निधि भी खर्च नहीं कर पाए हैं। ऐसे में विधायकों को तेजी दिखानी होगी वरना जनता के सामने जो रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा उससे उनकी छवि पर, काम पर और वोट पर असर पड़ सकता है।
विकास निधि की अंतिम किस्त भी जारी कर दी गई है
आपको बता दें कि ग्राम्य विकास विभाग ने मौजूदा विधानसभा के सदस्यों की विकास निधि की अंतिम किस्त भी जारी कर दी है। इसी के साथ वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रत्येक विधायक को इस मद में कुल 17.75 करोड़ रुपये मिले चुके हैं लेकिन विधायक सुस्त है जो अपनी विधायक निधि का आधी निधि भी खर्च नहीं कर पाए हैं। ग्राम्य विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार सभी विधायकों को कुल मिलाकर 30 जून तक निधि के रूप में 393.95 करोड़ रुपये शेष बचे हुए हैं। इस तरह अब तक निधि का कुल 69 प्रतिशत ही खर्च हो पाया है। आपको बता दें कि विधायक निधि के तहत स्वीकृत कुल 47,986 कार्यों में से 36,066 ही पूरे हो पाए हैं।
आपको बता दें कि विभाग का नियम है कि कोई विधायक अपने मौजूदा कार्यकाल में निधि पूरी खर्च नहीं कर पाते हैं तो वो बची हुई निधि अगले निर्वाचित विधायकों को ट्रांसफर कर दी जाती है। लेकिन मौजूदा विधायकों में से कई विधाय़क अपनी निधि का 50 प्रतिशत भी निधि खर्च नहीं कर पाए हैं और आचार संहिता लगने वाली है ऐसे में विधायकों को तेजी से दौड़ लगाने की जरुरत है।
इस बार पूरी निधि जारी
उत्तराखंड में प्रत्येक विधायक को विकास निधि के रूप में प्रतिवर्ष 3.75 करोड़ रुपये मिलते हैं। पिछले साल त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल के दौरान कोविड के कारण विधायक निधि में 1 करोड़ रुपये की कटौती कर दी थी। लेकिन इस वर्ष चुनावी साल होने के चलते सरकार ने उक्त कटौती बंद करते हुए पूरे 3.75 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। साथ ही चुनावी साल होने के कारण इस बार ग्राम्य विकास विभाग ने जुलाई में ही दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। इस कारण मौजूदा विधानसभा के सदस्यों को पूरे पांच साल की निधि जारी हो चुकी है।
महेश नेगी 46%
डॉ.धन सिंह 49%
मुन्ना चौहान 55%
करन माहरा 57%
सहदेव पुंडीर 58%
विजय सिंह पंवार 59%
प्रेमचंद अग्रवाल 59%