रुद्रपुर, संवाददाता- आजकल उत्तराखंड में शिक्षा, खनन और शराब के मुद्दे हॉट बने हुए हैं। शिक्षा मंत्री जहां अपने महकमें को जड़ से जहां तक बदलने की कोशिश में जुटे हैं तो सुप्रीम कोर्ट से रहम मिलने के बाद सूबे की सरकार खनन और शराब से पिछले साल के मुकाबले ज्यादा आमदनी कमाना चाहती है।
लेकिन हाल ये है कि राज्य में जहां अवैध खनन से जल- जंगल जमीन हलकान हैं तो वहीं शराब के विरोध के लिए मां-बहिनों ने एक बार फिर से घर की दहलीजें लांघ दी हैं। हालांकि सरकार ने राज्य मार्गों को जिला मार्ग घोषित कर दिया है बावजूद इसके शराब का विरोध जारी है।
ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर के थाना ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में अंग्रेजी और देसी शराब की दुकाने खोले जाने से भड़की महिलाओ ने भीड़ के साथ पहुंच कर तोड़फोड़ की। शराब के खिलाफ जबरदस्त भीड़ ने दुकान का बोर्ड और अंदर रखा सारा सामान बाहर निकाल कर आग के हवाले कर दिया।
महिलाओं की नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि बचाव के लिए दखल देने की हिम्मत मौके पर मौजूद पुलिस भी नहीं जुटा पाई। तोड़फोड़ होती रही और पुलिस कानून व्यवस्था बनाने में नाकामयाब रही। हालांकि बाद में मौके की नजाकत भांपते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर कानून-व्यवस्था बनाई।
ऐसा सिर्फ रुद्रपुर में हो रहा हो ऐसा नहीं है शराब का विरोध राज्य के अधिकांश इलाकों में हो रहा है। पुलिस के लिए आगे कुंआ और पीछे खाई वाले हालात हो गए हैं।
इसके साथ ही साथ यह भी साफ हो गया है कि बेशक सरकार ने शराब के करोबार बचाने का तोड़ नाम बदलना निकाला हो । लेकिन मातृशक्ति के दिलो दिमाग से शराब को लेकर जो नफरत है उसे नहीं निकाल पाई है।