खटीमा। इसे लोकलाज कहें या कुछ और। किसी पत्थर दिल ने नवजात बच्ची को कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया। नवजात के शरीर पर जानवरों के पंजे के निशान देखकर लोगों का दिल भी भर गया। उसे अस्पताल ले गए, जहां आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, उधमसिंह नगर जनपद के सीमांत इलाका खटीमा के गांव नौसर भुड़िया गांव के चौराहे पर कूड़े के ढ़ेर में नवजात मिलने से गांव में सनसनी फैल गई है। मासूम की चीख सुनकर लोग कूड़े के ढेर में तलाशने लगे। मासूम के शरीर पर जानवरों के पंजो के निशान उसकी पीड़ा बयां कर रहे थे। ग्राम प्रधान सुनील कुमार बच्ची को लेकर तपन अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टर जीसी पांडे ने डाक्टरों के पैनल के साथ बच्ची का इलाज शुरू कर दिया। आठ घंटे के उपचार के बाद बच्ची ने अस्पताल मे दम तोड़ दिया। पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे मे लेकर लोगो से जानकारी लेने मे जुट गई है। डॉ.पांडे ने बताया कि बच्ची नवजात है। शरीर में जानवर के निशान बने हुए थे। निमोनिया होने से बच्ची अंदुरुहनी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। जिस वजह से मौत हो गई। कोतवाल चंचल शर्मा ने बताया कि मामले जांच की जा रही है। जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। डेढ़ साल पहले भी नौगवांठग्गू शिवकालोनी में कूड़े के ढेर एक जनजात का भ्रूण मिला था।