देहरादून- दूनवासियों को फिलहाल गड्ढों से राहत नहीं मिलेगी और न ही आप दिल में इसकी उम्मीद रखें की बारिश में दून की सड़कों मे हुए गड्ढों से निजात आपको मिलेगी. जी हां क्योंकि खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत ने ये बयान दिया है कि बरसात है सड़कों में गड्ढे तो होंगे ही लेकिन ठीक भी कराए जाएंगे लेकिन बरसात के बाद. ये बयान सीएम ने देहरादून में आयोजित (हिमालय दिवस) प्रेसवार्ता के दौरान दिया.
पता चली सरकार की मंशा, क्यों अधिकारी कानों में उंगली डाले चुप बैठे हैं??
सीएम के ऐसे बयान से जरुर दूनवासियों को निराशा हुई होगी क्योंकि परेशान जनता जहां सड़कों में हुए बड़े-बड़े गड्ढों से परेशान है औऱ अपनी शिकायतें अधिकारियों से कर रहे हैं तो दूसरी ओर सीएम का ऐसा बयान शर्मनाक है. जिससे ये साफ झलकता है कि सरकार की मंशा क्या है. और अब पता चल रहा है कि आखिर क्यों अधिकारी कानों में उंगली डाले चुप बैठे हैं. और ये भी पता चला कि आखिर क्यों लोगों की सड़क वाली समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है. क्योंकि जब राजा ही ऐसे कहेगा तो प्रजा भी वैसा ही करेगी और आराम फरमाएगी.
पीएम मोदी-अमित शाह के आने पर कर दिया जाता है सड़कों से लेकर शहर में पेंट
ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि जहां सीएम त्रिवेंद्र रावत रावत राज्य से बाहर जाकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों से मिलकर यहां निवेश करने की बात कर रहे हैं औऱ कह रहे हैं कि उत्तराखंड में सड़क से लेकर पानी, सुरक्षा व्यवस्था से लेकर हर प्रकार की सुविधा है. औऱ ऐसे में अगर वीआईपी लोगों ने यहां का दौरा किया तो उनको भी सच्चाई पता चलेगी की क्या हालात है राज्य के. लेकिन उनके आने से पहले सड़को को शहरों को रंग दिया जाता है जैसे मानों दिवार पर पेंट किया जाता है. ठीक वैसी जैसे पीएम मोदी औऱ अमित शाह के आने पर किया था. इसलिए उनको सच्चाई पता नहीं लग पाती कि सड़क कब, क्यों औऱ कैसे बनाई गई??
आप गिरे तो सम्भालने वाले हजार, लेकिन बच्चे, बूढे-बुजुर्गों को कौन सम्भालेगा
सीएम साहब जब आप सड़क पर चलते हो तो आपके साथ सुरक्षा गार्ड-पुलिसकर्मी होते हैं, कई मंत्री-विधायक होते हैं, कार्यकर्ता होते हैं ऐसे में अगर आप सड़कों में हुए गड्ढों पर लड़खड़ाए भी तो कोई न कोई आपको संभाल ही लेगा जैसे उस दिन मिट्टी में फिसले विधायक गणेश जोशी को सम्भाला था. और फिर आपके घर के आगे तो सड़के हैं भी अच्छी. लेकिन आम जनता का क्या, उन स्कूली बच्चों, कॉलेज वाले बच्चों, बूढ़े-बुजुर्गों का क्या… उन लोगों का क्या जो रोज कमाई के लिए घर से निकलते हैं ये सोचकर की परिवार के लिए रोजीरोटी कमाएंगे औऱ खुश रखेंगे लेकिन इन घटिया सड़कों के कारण कभी-कभी ऐसी शाम भी आती है की अपने परिवारवालों को देखने के लिए जिंदा नहीं रहते. आम जनता के लिए अच्छी चपटी सड़कें ही है जो सुरक्षा का काम करती है सीएम साहब.
लगातार लोग कर रहे थे शिकायत, लेकिन बयान के बाद सब सामने
लगातार कई दिनों से आईएसबीटी की सड़कों और खुले सीवर लाइन की शिकायत लोग कर रहे थे साथ ही प्रिंस चौक पर चौपट हुई सड़क की भी शिकायत लोगों ने अधिकारियो से कि लेकिन आज सीएम के बयान से मालूम चल गया कि फिलहाल दूनवासियों को चपटी-अच्छी सड़क देखने नसीब नहीं होगी चाहे जनता कितने भी हाथ-पैर मार ले.
कुछ भी हो सीएम का इस तरीके का बयान देना शर्मसार कर देने वाला है. क्योंकि प्रजा भी राजा के पीछे-पीछे ऐसे ही चलेगी और लोग ऐसे ही परेशान रहेंगे.