उत्तर प्रदेश और देश के प्रतिष्ठित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में कई छात्र ऐसे हैं जो पिछले 20 वर्षों के लंबे अंतराल में भी एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं कर पा रहें हैं।
अब ऐसे छात्रों को पास करने के लिए विश्वविद्यालय को विशेष व्यवस्था करनी पड़ रही है। इन छात्रों के लिए अलग से क्लासेज चलाकर इन्हे पास करने का फैसला हुआ है।
दरअसल किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में 20 छात्र ऐसे हैं जो पिछले कई सालों से एमबीबीएस की परीक्षा पास ही नहीं कर पा रहें हैं। दिलचस्प ये है कि इनमें से एक छात्र 1994 बैच का है। एक अन्य छात्र 1997 बैच है। वही अन्य छात्र 2000 से 2013 बैच के हैं।
ये छात्र ये छात्र सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी और पीडियाट्रिक विषय में बार-बार फेल होते हैं। अब हालत यह है कि कई बैच आकर चले गए, मग़र ये छात्र अभी तक विश्विद्यालय के कैम्पस में ही है।
बच्चे बन गए डाक्टर
रोचक ये है कि ऐसे ही वर्षों तक एमबीबीएस में फंसे रहने वाले कई छात्रों के बच्चे डाक्टर बन कर निकल गए लेकिन उनके पिता जी एमबीबीएस में ही फेल हो गए।
लगातार फेल होने वाले छात्रों ने पीएम और सीएम सहित कई लोगों के सामने अपनी परेशानी रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार उन्हे जानबूझकर फेल किया गया।
इसके बाद किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में 46वीं कार्य परिषद की बैठक में इन छात्रों को लेकर अहम फैसला हुआ।
बैठक में इन छात्रों के लिए निर्णय लिया गया है कि ‘अब इन्हें पास किया जाएगा और इनके लिए अलग से कक्षाएं संचालित होंगी।’ इससे इन छात्रों को परीक्षा में आने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी और एमबीबीएस छात्र पास हो सकेंगे।