देहरादून- राज्य की विकट भौगौलिक परिस्थितियों और बैंकों की सर्वसुलभता न होने के चलते नोटबंदी का कुछ ज्यादा ही असर राज्य में देखने को मिल रहा है। ऐसे में बैंक और एटीएम के बाहर कैश के लिए कतार में खड़ी जनता को कुछ राहत कैसे दी जाए इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सूबे के आलाधिकारियों को साथ बीजापुर हाउस बैठक की। मुख्यमंत्री अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्डधारकों को मुफ्त मिलने वाली जांच सुविधाएं, उन लोगों को भी तीन माह तक मुफ्त उपलब्ध करवाई जाएं जिनके पास राज्य की कोई IDहो भले ही वह मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत नहीं आते हों। वहीं सीएम ने कहा कि निजीअस्पतालों को भी चैक स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाए। वहीं सीएम ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि, किसानों को खाद, बीज आदि खरीदने में नोटबंदी से दिक्कत हो रही है। लिहाजा किसानों से बिजली का बकाया बिल फिलहाल 50 फीसदी ही वसूला जाए ताकि किसानो को कुछ राहत मिल सके। शेष बकाया को बाद में वसूला जाए। इसके साथ ही सीएम नें अधिकारियों को बैंकों के साथ समन्वय बनाकर आम जनता को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक बुजुर्गों, मेडिकल बिल व घर में विवाह के लिए नकदी चाहने वालों के लिए अलग लाईन का इंतजाम करे। वहीं सूबे के दूर-दराज के इलाकों में मोबाईल एटीएम की व्यवस्था की जाए। इसकी सुरक्षा प्रशासन करेगा। वहीं सीएम ने सरकारी वसूलियों, लाईसेंस फीस, बिजली व पानी के बिल में पुराने नोट स्वीकार किए जाने का आदेश भी दिया। इसके अलावा नोटबंदी के बाद से राज्य को स्टाम्प, वैट सहित अन्य राजस्व, पर्यटन, निर्माण क्षेत्र में होने वाले नुकसान का आंकलन करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, डा. उमाकांत पंवार, सचिव अमित नेगी, डीएस गब्र्याल, अरविंद सिंह ह्यांकि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे