देहरादून: यूपी के CM योगी आदित्यनाथ से जुड़ी कहानियां आपने समय-समय पर पढ़ी और सुनी भी होंगी। उनके जीवन पर एक किताब खिली गई है। प्रवीण कुमार की कुमार की लिखी ‘‘योद्धा योगी‘‘ किताब में योगी और उनके पिता से जुड़ी घटना का जिक्र किया गया है, जिसमें योगी आदित्यानाथ के पिता ने उनको पहली बार सन्यासी के रूप में देखा था। उनकी मां तो यह सोचती थी कि योगी नौकरी कर रहा है, लेकिन कहानी कुछ और ही निकली।
1992 में यूपी के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी मां से गोरखपुर जाने की बात कही और घर से चल दिए। उस समय मां ने सोचा था कि बेटा शायद नौकरी के लिए जा रहा है लेकिन यहां कहानी दूसरी थी। योगी आदित्यनाथ को अपने गांव पंचूर से गोरखपुर निकले लगभग छह महीने से अधिक का समय हो गया था, लेकिन उनके बारे में उनके घर वालों के पास कोई सूचना नहीं थी। वह क्या नौकरी करते हैं और किस जगह कर रहे हैं। इस बात को लेकर सीएम योगी के पिता परेशान हो गए थे।
इस दौरान सीएम योगी की बड़ी बहन पुष्पा ने अपने पिता को बताया कि गोरखनाथ मंदिर जाइए, वहां आपको सारी सूचना मिल जाएगी। दरअसल, पुष्पा शादी के बाद दिल्ली चली गईं थीं, उन्होंने किसी अखबार में छोटी सी खबर पढ़ी थी कि गोरखपुर के सांसद और गोरक्षपीठाधीश्वर ने दो महीने पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी है। वह योगी आदित्यनाथ हैं और पौड़ी के रहने वाले हैं।
इस जानकारी के बाद सीएम योगी के पिता गोरखपुर के लिए चल दिए। गोरखपुर पहुंचते ही वह सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि भगवा धारण किए सिर मुड़ाए एक युवा संन्यासी फर्श की सफाई का मुआयना कर रहा था। वह जब उनके पास पहुंचे तो हकीकत उनके सामने आ गई, वह उनका अपना बेटा था। अपने पुत्र को सन्यासी के रूप में देखकर वह अवाक रह गए। उन्होंने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। उनके अंदर का पिता जाग उठा। उन्होंने कहा कि बेटा यह क्या हाल बना रखा है, यहां से तुरंत चलो।
योगी भी अपने पिता को अचानक सामने देखकर हैरान हो गए थे। भावनाओं पर काबू करते हुए उन्हें अपने साथ मंदिर स्थित कार्यालय ले गए। उस समय महंत अवैद्यनाथ कहीं बाहर थे। फोन के माध्यम से अवैद्यनाथ जी को बताया गया कि योगी जी के पिता आए हैं। पीठाधीश्वर ने उनके पिता से बात की और कहा कि आप के पास चार पुत्र हैं, उनमें से एक को समाज सेवा के लिए नहीं दे सकते हैं। उनके पास कोई जवाब नहीं था। उस समय उनके सामने उनका बेटा नहीं, योगी आदित्यनाथ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद सीएम योगी के पिता कुछ समय मंदिर में व्यतीत करने के बाद पंचूर लौट गए। आज उनका निधन हो गया। उनके निधन पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत प्रदेशभर के लोगों ने दुख जताया है।