ब्यूरो- सुप्रीम कोर्ट के फरमान को लागू करने के लिए सूबे के आबकारी महकमे मे माथा पच्ची शुरू हो गई है। जिसके लिए महकमें ने राज्य के सभी 13 जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों से राय मांगी है। दरअसल माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नए वित्तीय वर्ष में कोई भी मदिरालय हाईवे पर नहीं होगा। शराब के सभी ठेके राजपथ से 500 मीटर दूर होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फरमान की जद में उत्तराखंड के 421 मदिरालय आ रहे हैं जिन्हे एक अप्रैल तक शिफ्ट करना महकमें के लिए एक चुनौती है। माना जा रहा है कि अप्रैल माह मे सूबे की नई सरकार किसी भी सूरत में नई आबकारी नीति नहीं बना पाएगी। ऐसे में तय है कि अप्रैल महीने में राज्य सरकार शराब की दुकानों का नए वित्तीय वर्ष के लिए आवंटन भी नहीं कर पायेगी। बहरहाल जिला आबकारी अधिकारियो से मिली राय के बाद आबकारी मुख्यालय अपनी योजना से शासन को अवगत कराएगा। जिसके बाद शासन स्तर पर इसका फैसला लिया जाएगा कि पुरानी दुकानो को एक महीने के लिए राजपथ से हटाने के बाद उन्हे ही नए आवंटन होने तक मदिरा बेचने की इजाजत दी जाए या फिर कुछ और प्लान किया जाए। बहरहाल इतना तो तय है कि हाईकोर्ट के आदेश लागू करने के चलते हाईवे पर शराब की दुकान नहीं दिखेंगी।