उत्तराखंड में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। देहरादून सहित उधमसिंह नगर में अब तक कई कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। देहरादून में बीते दिन तीन और आज फिर एक कोरोना का मामला सामने आया लेकिन देहरादून ऑरेंज कैटेगिरी में है।
हरिद्वार के एक लॉ स्टूडेंड ने हाईकोर्ट में डाली थी याचिका
वहीं इस पर आपत्ति जताते हुए हरिद्वार के एक लॉ स्टूडेंड ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। दरअसल हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से सवाल किया है किस आधार पर देहरादून को ऑरेंज जोन और हरिद्वार जिले को रेड जोन घोषित किया गया है। कोर्ट ने मामले में 18 मई तक जवाब मांगा है।
लॉ स्टूडेंट अक्षित ने इसको बताया था गलत
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई। हरिद्वार के अक्षित शर्मा जो की लॉ कॉलेज का स्टूडेंट हैं, उसने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 20 अप्रैल को हरिद्वार जिले में कोरोना के 2 पॉजिटिव मरीज सामने आए थे, वहीं देहरादून जिले में कोरोना के 10 पॉजिटिव मिले थे, बावजूद इसके हरिद्वार जिले को रेड जोन और देहरादून को ऑरेंज जॉन की कैटेगरी में रखा गया है जो कि गलत है। याचिकाकर्ता का कहना था कि जब केंद्र सरकार की गाइड लाइन स्पष्ट है कि जहां ज्यादा पॉजिटिव मरीज होंगे उस क्षेत्र को रेड जोन, जहां कम होंगे उसको ऑरेंज और जहां नही होंगे वहां ग्रीन जॉन घोषित किया जाएगा। हरिद्वार में कम व देहरादून में ज्यादा मरीज होने पर भी हरिद्वार को इस आधार पर रेड जोन घोषित किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।