नैनीताल : प्रवासियों के अपने राज्य लौटने के बाद उनकी रहने खाने-पीने की व्यवस्था सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटरों में की गई। सरकार ने दावा किया कि सरकार द्वारा प्रवासियों को अच्छा खाना पीना और रहने की व्यवस्था की गई है लेकिन कई प्रवासियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया खास तौर पर फेसबुक के जरिए क्वारंटीन सेंटरों की हालत बयां की और सरकार पर सवाल खड़े किए।
क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
वहीं मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। वहीं तत्काल सेंटरों की स्थिति सुधारने का आदेश दिया है।खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने और कोर्ट को अवगत कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि इसके साथ पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट की कॉपी सचिव स्वास्थ्य को मुहैया कराएं।
इन्होंने की थी याचिका दायर
बता दें कि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने 4 मई 2020 के शासनादेश के अनुपालन में डीएम के जरिए सभी ग्राम प्रधानों को पर्याप्त धनराशि मुहैया कराने के भी निर्देश दिए। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 2 सप्ताह बाद होगी। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोरोना महामारी को लेकर अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, डीके जोशी और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की।
प्रधानों को पर्याप्त धनराशि देने के निर्देश
इसी के साथ हाईकोर्ट ने सरकार को ग्राम प्रधानों को पर्याप्त धनराशि देने के निर्देश दिए ताकि व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा सके। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो सचिव स्वास्थ्य और जिलाधिकारियों को आदेशित करें कि सभी ग्राम सभाओं और ग्राम पंचायतों को जरूरत के मुताबिक फंड उपलब्ध कराएं।