नैनीताल- हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराए। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि राज्य में डेंगू के इलाज के लिए अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करें और प्रत्येक अस्पताल में डेंगू प्रभावित मरीजों की भर्ती के लिए अलग से वॉर्ड की व्यवस्था करें।
हार्इकोर्ट में देहरादून निवासी रोहित ध्यानी ने एक जनहित याचिका दायर की थी
हार्इकोर्ट में देहरादून निवासी रोहित ध्यानी ने एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया कि प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू प्रभावित मरीजों के लिए अलग वॉर्ड और बिस्तरों की पर्याप्त व्यवस्या नहीं है। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि साल 2016 में 2146 डेंगू की मरीज पाए गए थे। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय विक्टर बोर्न रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रदेश के प्रत्येक अस्पताल में डेंगू के इलाज के लिए डेंगू किट और दवाइयां उपलब्ध हैं। डेंगू प्रभावित सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक डेंगू नैदानिक किट की सुविधा उपलब्ध हैं।
सरकार की ओर से कहा गया ये
सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश के सात अस्पतालों को सेंटिनल नामित किया गया है। इनमें डेंगू पर निगरानी के साथ ही डेंगू जांच निशुल्क रखा गया है। केन्द्र द्वारा अनुशंसित सात अस्पतालों में दून अस्पताल, ज्योलिग्रांट असपताल, सरकारी मेडिकल कालेज व बेस अस्पताल हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल रुद्रपुर व कोरोनेशन अस्पताल देहरादून शामिल हैं। इसके साथ ही डेंगू पर नियंत्रण के लिये तमाम तरह के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। सुनावार्इ के बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया।