गाजियाबाद निवासी अधिवक्ता जेपी डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 2006 में कांग्रेस राज में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नवप्रभात, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल समेत तीन वनाधिकारी व कई अन्य ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से दक्षिण अफ्रीका टूर पर गए थे। टूर में लाखों के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। याचिका में मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की गई थी।
इस मामले को लेकर राज्य सरकार व पूर्व विधायक सिंघल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, मगर उनके द्वारा जवाब दाखिल नहीं किया गया। बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद अगली तिथि दस नवंबर नियत कर दी है। साथ ही जवाब दाखिल न करने पर सरकार व पूर्व विधायक पर जुर्माना लगाया है।