आपको बता दें हरिद्वार निवासी परवेज आलम ने दीपक रावत के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। जिसमे जस्टिस न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हरिद्वार जिला मजिस्ट्रेट दीपक रावत पेश हुए। उन्होंने अदालत में बयान दिया कि जिला प्रशासन ने सभी अवैध बूचड़खानों और अवैध मांस की दुकानों को बंद कर दिया है। याचिकाकर्ता के निर्देश पर डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने भी पुष्टि की कि हरिद्वार में सभी अवैध वध और मांस की दुकानें जिला प्रशासन द्वारा बंद कर दी गई हैं।
गौर हो की जनहित याचिका में न्यायालय ने राज्य में अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था और सार्वजनिक स्थानों पर जानवर के वध पर प्रतिबंध लगा दिया था। डीएम के हलफनामे के बाद न्यायालय ने अवमानना याचिका को बंद कर दिया है और यह भी आदेश दिया हैं कि यदि जनहित याचिकाओं के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो याचिकाकर्ता को फिर से अवमानना याचिका दायर करने की छूट होगी।