नैनीताल- राज्य के ऊर्जा निगम में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। दरअसल उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उपनल के माध्यम से पावर कारपोरेशन में तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर और स्टेनोग्राफरों को लेकर अहम फैसला दिया है। जिसके तहत संविदा में कार्यरत इन कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूíत राजीव शर्मा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की। पावर कॉरपोरेशन में उपनल के माध्यम से नियुक्त संविदा कर्मचारी डाटा एंट्री ऑपरेटर और स्टेनोग्राफर विनोद तथा अन्य ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में माननीय न्यायालय से निवेदन करते हुए कहा गया कि याचीगण पावर कॉरपोरेशन में विगत 10 साल से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं। लेकिन विभाग उनको अन्य कर्मचारियों की तरह वेतन भत्ते का लाभ नहीं दे रहा है। जबकि संविदा श्रम विनियमन उन्मूलन 1970 के नियम 25(5) का संज्ञान लेते हुए पावर कारपोरेशन में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते आदि का लाभ देने की व्यवस्था हो गई है।
इसके अलावा औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी ने विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के मामले में ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को संविदा कर्मचारी माना है। उनको समान कार्य के लिए समान वेतन देने का निर्णय भी दिया है। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने याचीगणों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने के आदेश दिए हैं।