नैनीताल (मोहम्मद यासीन) : उत्तराखण्ड के नैनीताल में चीना पीक(नयना पीक) की पहाड़ी का हिस्सा गिरने से उच्च न्यायालय क्षेत्र को खतरा हो गया है ।
नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में उच्चतम पर्वत नयना पीक का एक हिस्सा 90 के दशक में धड़धड़ाते हुए गिर पड़ा था, जिससे ब्रूक हिल होस्टल(हाई कोर्ट), पंत सदन(मुख्य न्यायाधीश कोठी), गैस गोदाम, स्विस होटल, शेरवानी होटल आदि बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। उसी नयना पीक का एक हिस्सा बर्फबारी के कारण गिर पड़ा। पहाड़ी से मलबा और पेड़ गिरने से क्षेत्र में दहशत का महौल है। मंगलवार देर रात तेज बारिश और बुधवार सवेरे हुई बर्फबारी के दौरान चाइनापीक की पहाड़ी के नीचे से दो अलग-अलग स्थानों से मालवा और पेड़ लुढकते हुए देखे गए। बारिश और बर्फ के भार से नयना पीक की पहाड़ी के दो हिस्से शाम साढ़े पांच बजे अचनाक दो अलग-अलग स्थानों पर गिर गए।
प्रत्यक्षदर्शी राजीव दूबे ने बताया कि चाइना पीक की ऊंची पहाड़ी से मलबा खिसकने से जोर की आवाज सुनाई दी। पहाड़ी से हल्की मिट्टी उड़ते हुए भी दिखी। उन्होंने बताया कि इसके थोड़ी देर बाद दोबारा से आवाज आई और दूसरी जगह से मलबा खिसक गया। मालवा खिसकने से क्षेत्र के लोगों में दहशत का महौल बना हुआ है। इससे सबसे बड़ा खतरा उच्च न्यायालय भवन और उसी क्षेत्र में निवास करने वाले न्यायाधीशों को है। प्रशासन और विशेसज्ञों कि टीम ने गुरुवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। टीम ने वहां से मट्टी के सैम्पल भी लिए।