कुमाऊं के सबसे बड़े पूर्णागिरी मेले पर भी इस वायरस का साया पड़ने की आशंका देखते हुए प्रशासन हाई अलर्ट पर है। महाकाली नदी की भारत-नेपाल खुली सीमा पर अवैध रूप से आने-जाने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था नहीं होना भी परेशानी का सबब है।
मेले के दौरान यूपी, नेपाल के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु आते हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए कोरोना जांच के लिए कैंप तैयार करना और डॉक्टरों की तैनाती करना बड़ी चुनौती होगा। अधिक डॉक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा गया है।