खटीमा- हमारे पहाड़ों में एक कहावत है-“ ज्यूंदा मा नि पाई मांड अर मरीक खुजाई खांड” यानि जिंदा रहते तो मरने वाले को भूख मिटाने के लिए उबले चावलों का पानी भी नहीं मिला और मरने के बाद उसकी तेरवीं पर चीनी का बूरा का प्रसाद अर्पण किया जाए। कुछ इसी तरह से हो रहा है ‘पीपली लाइव’ बने खटीमा के हल्दीपंचपेडा गांव के मृतक किसान रामौतार के परिवार के साथ।
जब तक किसान रामौतार जिंदा था और उसने बैंक की आरसी के डर से खुदकुशी नहीं की थी तब तक तो उसे बैंक से लेकर साहूकार तक दुत्कार रहे थे धमका रहे थे और जब बेचारे ने फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जिंदगी फना कर दी तब सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक पालक पांवडे बिछा रहे हैं।
गजब की बात है जो सरकार किसानों की कर्ज माफी पर दो टूक “ना’ कह चुकी है वही सरकार विपक्ष के हरकत मे आते ही अपनी साख बचाने की कवायद में जुट जाती है। आलम ये है कि बैंक के कर्ज की वापसी को लेकर हल्दीपचपेड़ा गांव के किसान की आत्महत्या का मामला सियासत का मोहरा बन गया है।
किसी को मौत मुद्दा नजर आ रहा है तो किसी को नाक बचाने की छटपटाहट है। दरअसल बीते रोज कांग्रेस के रानीखेत विधायक करन माहरा ने आत्महत्या करने वाले किसान राम औतार के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। वहीं दुख की घड़ी मे किसान परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन देकर अपनी लकीर लंबी खीचने की कोशिश की। वहीं आज भाजपा ने भी मजबूरन पीपली लाइव में हिस्सा लिया।
जैसे ही खबर फैली तत्काल सत्ता पक्ष ने भी अपनी साख बचाने की कसरत करते हुए खटीमा विधायक पुष्कर धामी की अगवाई में सीएम का संदेश लेकर एक प्रतिनिधि मंडल किसान रामौतार के घर भेजा। इस मौके पर मृतक किसान की पत्नी से सीएम त्रिवेंद्र रावत ने फोन पर बात की और पांच लाख की सहायता का आश्वासन दिया। जबकि क्षेत्रीय विधायक पुष्कर धामी ने अपनी ओर से एक लाख की मदद का आश्वसन दिया। वहीं विधायक पुष्कर धामी ने बताया कि प्रशासन को किसान की बंधक जमीन को छुड़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि अगर सरकार वाकई में इतनी संजीदा है तो किसी की मौत से पहले ऐसे दरियादिली वाले कदम क्यों नहीं उठाती। क्यों किसी लाचार को मरने के लिए मजबूर किया जाता है। काश बैंक मृतक रामौतार को थोड़ा वक्त दे देता तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में जनपक्ष जिंदा रह जाता। बहरहाल असली सवाल ये है कि सरकारी इमदाद रामौतार के परिजनों के पास बिना लफड़े के कब तक पहुंचती है।