देहरादून- बेशक सूबे में सरकारी अस्पतालों को खुद इलाज की दरकार हो। बावजूद इसके राज्य सरकार सूबे की जनता को बीमारी के वक्त बड़ी मदद करना चाहती है। स्वास्थ्य सेवाओं के आंगन में सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहती। लिहाजा यहां सरकार की नजर में न कोई अमीर रहेगा और न कोई गरीब। सरकार सबको एक समान स्वास्थ्य सुविधाएं देने पर विचार कर रही है।
बिना एपीएल, बीपीएल के सभी को सामान्य बीमारी पर 50 हजार तक और गंभीर बीमारी पर 1.50 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा मुफ्त मुहैया कराई जाएगी। इसमें स्वास्थ्य महकमें के कंधों पर तकरीबन 82 करोड़ का बोझ पड़ेगा।
बहरहाल सरकारी सोच को किस हिसाब से अमलीजामा पहनाया जाए, इसके लिए स्वास्थ्य महकमे ने एक समिति का गठन किया है। समिति योजना के क्रियान्वयन के लिए मत्थापच्ची करेगी। ताकि सरकारी बीमार अस्पतालों के बजाए राज्य के मरीजों को निजी अस्पतालों में वक्त पर बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
अब स्वास्थ्य महकमा प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम, यानी सभी के लिए एक समान स्वास्थ्य योजना लागू करने की कर रहा है। इस योजना के तहत सभी प्रदेशवासियों का सामूहिक बीमा कराया जाएगा। योजना के तहत सभी का पंजीकरण कर उन्हें एक कार्ड दिया जाएगा।
इसमें तकरीबन 82 करोड़ का खर्च आएगा। अभी विचार यह है कि सरकार ही यह सारा खर्चा वहन करेगी। सचिव स्वास्थ्य नीतेश झा ने कहा कि विभाग इस योजना पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि योजना को लेकर लोगों से सुझाव भी आमंत्रित किए जा रहे हैं।