नैनीताल : हाई कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों के 25 अप्रैल को जारी तबादला आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट के आदेश से राज्य के साढ़े चार सौ शिक्षकों को राहत मिली है। देहरादून की पुष्पा सोनी समेत डेढ़ सौ अन्य ने याचिका दायर कर कहा था कि 21 दिसंबर 2016 को कांग्रेस सरकार द्वारा शिक्षकों के व्यक्तिगत अनुरोध व पारिवारिक समस्या को देखते हुए साढ़े चार सौ शिक्षकों का दुर्गम से सुगम के विद्यालय में तबादला कर दिया था।
आदेश में यह भी कहा था कि निर्धारित समय के बाद उन शिक्षकों को मूल विद्यालय में जाना होगा मगर अब तक वह नहीं गए। सरकार ने इसी साल 25 अप्रैल को एक आदेश जारी कर पर्वतीय जिलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए और शिक्षा का गिरता स्तर सुधारने के मकसद से इन शिक्षकों का तबादला मूल विद्यालय में कर दिया। यह भी कहा कि 31 मई तक जो विद्यालय ज्वाइन नहीं करते, उनके जून माह का वेतन रोक दिया जाएगा। इस आदेश को याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनौती दी गई।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद शिक्षकों के मूल विद्यालय में तबादले के आदेश पर रोक लगा दी। राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री डॉ. कन्नू जोशी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि संघ लगातार इसके लिए संघर्षरत था।