ऐतिहासिक! लठ गाड़ दिया छोरे..
शानदार प्रदर्शन के साथ विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगियों को पछाड़ते हुए भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक जिताने के लिए @Neeraj_Chopra1 को ढेर सारी बधाई।
इस घड़ी का देश को लंबे समय से इंतजार था। पूरे देश को आप पर गर्व है। pic.twitter.com/muHhaPWZ0D
— Manohar Lal (@mlkhattar) August 7, 2021
टोक्यो ओलंपिक से देश के लिए बड़ी खबर है। बता दें कि आर्मी अफसर नीरज चोपड़ा ने देश के लिए पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है जो गर्व की बात है। उन्होंने सेना में जाकर गांव परिवार का मान तो बढ़ाया ही है साथ ही टोक्यों ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है।
वहीं बता दें कि पीएम मोदी समेत तमाम दिग्गजों ने नीरज चोपडा़ को गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दी है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नीरज और हरियाणा के अन्य खिलाड़ियों को बधाई देते हुए हरियाणवी में कहा कि ‘हरियाणा के छोरो ने टोक्यो ओलंपिक में लट्ठ गाड़ दिए’। वहीं सीएम ने इनाम के तौर पर नीरज को 6 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले नीरज चोपड़ा अब तक के पहले खिलाड़ी हैं। नीरज चोपड़ा का तीसरा प्रयास में थ्रो ज्यादा दूर नहीं गया. वह 76.79 मीटर दूर ही भाला फेंक पाए. नीरज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर रहा. वह पहले स्थान पर थे और उन्हें कोई पछाड़ नहीं पाया. नीरज वल्ड चैंपियन बन गए हैं।
हरियाणा के छोटे से गांव से है नीरज, पिता हैं किसान
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था. नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की. नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी. आर्मी से जॉब मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं. “मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं. मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है. इसलिए सब मेरे लिए खुश… हैं.” उन्होंने आगे कहा था, “अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं.”