वास्तव में जिस तरह की यह घटना सामने आई है। उसने पूरे उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया। जितेंद्र की मौत पर सियासत भी होने लगी है। भाजपा सरकार में है। सरकार ने कोई ज्यादा संवेदनशीलता नहीं दिखाई। भाजपा विधायक खजानदास जरूर गांव गए। परिवार से मिले और सरकार की ओर से मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन मदद नहीं मिली।इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी बसाड़ गांव गए। उन्होंने परिवार का हालचाल जाना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने परिवार को आर्थिक मदद भी दी।
अब पूर्व सीएम हरीश रावत भी बसाड़ गांव जाकर पीड़ित परिवार को मिलने जा रहे हैं। इससे एक बात तो साफ है कि कांग्रेस मामले को गंभीरता से ले रही है। चाहे राजनतिक कारणों से ही हो, लेकिन इस तरह के मामलों को कमसे कम दबने नहीं दिया जाना चाहिए।पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि इस तरह की घटना समाज को कलंकित करती है। दलित को सिर्फ इसलिए मार दिया गया कि उसने कुर्सी पर बैठकर सवर्णों के सामने खाना खाया। उन्होंने सरकार पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से सरकार पर निशाना साधा है। अब तक सरकार की ओर से कोई मदद नहीं दिए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।