संवाददाता- हालांकि गैरसैंण के मुद्दे को उत्तराखंड की राजनीति ने इतना उलझा कर रख दिया कि इस मसले पर अब राज्य की जनता भी बहुत कुछ बात नहीं करना चाहती। लेकिन हालिया हालातों को देखकर लगता है कि हरीश रावत इस मसले पर मास्टर स्ट्रोक लगाने की तैयारी में हैं। खबरों के मुताबिक गैरसैंण में होने जा रहे वर्तमान विधानसभा के आखिरी सत्र में हरीश सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का फैसला ले सकती है। हालांकि गैरसैंण के मुद्दे की उलझन को सुलझाना इतना कठिन भी नहीं है जितना इसे बेहद आसानी से उलझाना था। लेकिन बदले हालात में अब इस उलझन के सुलझने की संभावनाएं तेजी से दिख रहीं हैं। सूत्रों की मानें तो हरीश रावत गैरसैंण के मसले पर मास्टर स्ट्रोक चलने की तैयारी कर चुके हैं। खबरों का इशारा है कि हरीश रावत आगामी विधानसभा सत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। हरीश रावत के बयान भी ऐसी संभावनाओं को मजबूत कर रहें हैं। दरअसल हरीश रावत हमेशा से इस बात को दोहराते रहें हैं कि गैरसैंण में इन्फ्रा स्ट्रक्चर खड़ा करना जरूरी है। ये बात वो गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने पर उनकी सोच से जुड़े सवालों पर कहते रहें हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हरीश रावत ये एहसास करा रहें हैं कि गैरसैंण में राजधानी की जरूरत के हिसाब से इंफ्रा स्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उत्तराखंड देश का शायद एकलौता ऐसा राज्य है जो अपनी स्थायी राजधानी की तलाश राज्य गठन के सोलह सालों में भी नहीं कर पाया। राज्य की भावनाएं नेताओं की सियासत में ऐसी उलझीं कि फैसलों का हौसला मुश्किल हो गया। फिलहाल राजनीतिक माइलेज के लिए ही सही लेकिन लगता है कि गैरसैंण पर फैसला हो ही जाएगा।