देहरादून : हरीश रावत ने एक बार फिर से राज्य की त्रिवेंद्र सरकार और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर जुबानी हमला किया और उत्तराखंड में फैल रहे डेंगू के डंक का सीएम त्रिवेंद्र रावत को बताया.
हरीश रावत की पोस्ट
पूर्व सीएम हरीश रावत ने लिखा कि मैं, आप सबके आर्शीवाद को लेकर, माॅ नैना देवी, पाषाण देवी जी के आर्शीवाद के साथ न्याय के मन्दिर में कुछ न्यायिक बिन्दुओं पर, न्याय मांगने के लिये खड़ा हॅू। मेरे पास संसाधन नहीं हैं, मगर मुझे मालूम है कि, न्याय के बिन्दु मेरे साथ हैं। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने पहले भी एक इतिहास रचा, एक बर्खास्त सरकार, उत्तराखण्ड के हाईकोर्ट के निर्णय के परिणाम स्वरूप फिर से वापस हुई और एक बर्खास्त मुख्यमंत्री फिर से पदारूढ़ हुआ, और अब भी हमने, जो बिन्दु सी.बी.आई. के अधिकार क्षेत्र आदि को लेकर उठाये हैं, उनका असर दूरगामी रहेगा, देश के संघीय व्यवस्था में संवैधानिक प्रणाली पर, उसका गहरा असर पड़ेगा। आप सबका आर्शीवाद चाहिये कि, उत्तराखण्ड के हाईकोर्ट से फिर एक न्यायिक इतिहास, जो भविष्य के लिये उदाहरण बन सके, जो सत्ता के अंहकार के सामने, नागरिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में खड़ा हो सके, वो हमें प्राप्त हो।
ये किसके कर्मों का फल है- हरीश रावत
हरीश रावत ने आगे लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री कहते हैं कि हरीश रावत अपनी दुर्गती के लिये खुद जिम्मेदार हैं, बहुत ठीक कहा, हर व्यक्ति अपने कार्यों को लेकर जिम्मेदार होता है. मगर मुख्यमंत्री जी आपके कार्यों के लिये, तो उत्तराखण्ड की भी दुर्गती हो रही है, ये जो डेंगू से सारा उत्तराखण्ड लगभग डेंगू महामारी को झेल रहा है, ये किसके कर्मों का फल है और उत्तराखण्ड को यह दुर्गती क्यों झेलनी पड़ रही है?