देहरादून- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा व वहां होने वाले कार्यों के बारे में दिए गए बयान को उनकी हताशा का प्रतीक बताया है।
भट्ट ने कहा कि जब प्रधानमंत्री केदारनाथ में केदारपुरी के शिलान्यास के लिए आ रहे हैं तो कांग्रेस नेताओं द्वारा उनके आगमन का स्वागत करने के स्थान पर नकारात्मक बयान देना केवल हताशा को प्रकट करता है।
गौरतलब है कि हरीश रावत ने अपने केदारनाथ के दौरे के बाद सूबे की सरकार पर आरोप लगाया था कि डबल इंजन के दौर में भी केदारनाथ का विकास वहीं थम गया है जहां पर वो छोड़ आए थे। नई सरकार उसे एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई और दोबारा से उन्हीं कामों का शिलान्यास किया जा रहा है जिनका वो कर चुके हैं।
भट्ट ने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी से हताश कांग्रेस नेता अपने लिए सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। उचित होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता बाबा केदारनाथ से माफी मांगें।
एक बयान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस ने प्रदेश को जिस तरह पतन के गर्त में धकेल दिया और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में जिस तरह का भ्रष्टाचार किया, जनता उसका सबक कांग्रेस को दे चुकी है। उस समय एक ही पुल का भुगतान तीन-तीन बार हुआ। भट्ट ने कहा कि उन भ्रष्टाचार के मामलों की एसआइटी जांच भी की रही है।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के समय में केदारनाथ में कार्य हुए होते तो फिर नए सिरे से काम करने की आवश्यकता नहीं थी। हालत यह थी कि केदारनाथ आपदा के वर्षों बाद तक वहां से नर कंकाल मिलते रहे। साथ ही आपदा राहत के नाम पर हुए कार्यों व इसके लिए केंद्र से मिली सहायता में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ।
आपदा राशि से फिल्में बनवाने वाली कांग्रेस सरकार के नेता, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, यदि बाबा केदारनाथ के दरबार में जा कर माफी मांगते और प्रायश्चित करते तो बेहतर होता।