देहरादून: कोरोनावायरस के चलते उत्तराखंड की राजनीति में गर्माहट थोड़ी कम हो गई थी क्योंकि विपक्ष वाले भी सरकार के साथ इस घातक वायरस से लड़ने की जंग में सरकार के साथ शामिल हो गए थे लेकिन एक बार फिर से उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है। जी हां वो भी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खोलने और लॉक डाउन के चलते अन्य राज्य में फंसे रावल जी को लेकर.
बता दें कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट 200 साल पुरानी परंपरा अनुसार निर्धारित तिथि और मुहूर्त पर रावल जी ही खोलते हैं लेकिन लॉक डाउन लागू कर देने के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के रावल जी महाराष्ट्र और केरल में फंस गए हैं। ऐसे में सरकार और उत्तराखंड की जनता यही सोच रही है कि आखिर कपाट कैसे खोले जाएंगे और सरकार रावल जी को यहां लाने के लिए क्या कर रही है। क्योंकि अगर रावल जी को यहां लाने की व्यवस्था नहीं की गई और समय पर रावल जी यहां नहीं पहुंचे तो कपाट खुलने की 200 साल पुरानी परंपरा टूट जाएगी और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगा। वहीं अब इससे उत्तराखंड की राजनीति गरमा गई है। उत्तराखंड के लोगों ने परंपरा के अनुसार ही कपाट खोलने की अपील सरकार से की है.
तो वहीं विपक्ष ने सरकार को घेरा है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर वार करते हुए पोस्ट शेयर की है और साथ ही रावल जी द्वारा ही बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की मांग की है. हरीश रावत ने कहा कि चाहे इसके लिए चार्टर्ड प्लेन ही क्यों न भेजना पड़े, लेकिन रावल जी को यहां बुलाइए। हरीश रावत ने कहा कि हम भाजपा के तरीके से सत्ता में आस्था नहीं रखते हैं।