देहरादून। राज्य में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। सूर्योदय स्वरोजगार योजना के तहत सरकार राज्य के लोगों को उनकी खाली पड़ी भूमि पर सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इस योजना के उद्घाटन के मौके पर हरीश रावत ने कहा कि राज्य में अक्षय ऊर्जा के स्रोतों का बेहतर इस्तमाल करना अब जरूरी हो गया है।
क्या है सूर्योदय योजना
राज्य में अक्षय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने ये योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार लोगों को उनकी खाली पड़ी भूमि पर सोलर पॉवर प्लांट लगाकर ऊर्जा उत्पादने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार लोगों को सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत पांच किलोवॉट तक के सोलर पॉवर प्लांट लगाए जा रहे हैं। सरकार ने इस योजना के तहत 2000 प्लांट लगाने का राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है।
योजना के तहत लगने वाले संयंत्र का खर्च तकरीबन 3.50 लाख रुपए हैं। इसमें 70 फीसदी केंद्र सरकार और 20 फीसदी सब्सिडी राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है। दस फीसदी का खर्च संयंत्र लगाने वाले को वहन करना है। हालांकि इस दस फीसदी के लिए बैंक से ऋण भी उपलब्ध है।
पांच किलोवॉट का संयंत्र लगाने वालों को वर्ष में 25 से 30 हजार रुपए तक की आमदनी हो सकती है। संयंत्र लगाने वाला अपनी जरूरत की ऊर्जा का इस्तमाल करने के बाद बची हुई ऊर्जा को यूपीसीएल को बेच भी सकता है। सरकार इस बिजली को खरीद लेगी।